12 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना आठवां दिन : मेरा मन आज बेहद बेचैन है। मैं अब तक दूसरों के बारे में बुरा सोच रहा था जबकि मेरे अस्तित्व के लुटेरे तो मेरे साथ ही हैं – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
11 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना सातवां दिन : स्व-कल्याण के लिए है मेरा चिंतन, इसे पर-कल्याण समझना मेरी भूल – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
10 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना छठवां दिन : अप्रेक्षा न रखें तो ही बेहतर – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
10 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना पांचवा दिन : दोषों से बचने पर ही जीवन सुखद और शांतिमय – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
09 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना चौथा दिन : अपने दोषों को स्वीकार करना ही सबसे बड़ा आत्मधर्म – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
07 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना तीसरा दिन : प्रतिकार से तो बढ़ता है संक्लेश – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
07 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना दूसरा दिन : शरीर का परिवर्तन होता है, यह सोच मृत्यु के भय को कर देगी दूर – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
05 Aug By admin 0 Comment In चिंतन, मौन साधना पहला दिन : चिंतन से मजबूत होती है आत्मशक्ति- अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज