08 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग बतीस : अनेकों बार सर्प के लिपटने पर भी बिना घबराए ध्यान में ही रहे आचार्य श्री शांतिसागर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
07 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग इकत्तीस : श्रावक ने आहार में किया छल तो आचार्य श्री ने स्वयं को कष्ट देकर किया कड़ा प्रायश्चित – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
06 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग तीस : हमेशा क्रोध और कषाय से मुक्त रहते थे आचार्य श्री शांतिसागर महाराज – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
05 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग उनतीस : क्षुल्लक बनने से पहले केशों का लोचन करना मार्ग के विरुद्ध-आचार्य श्री शांतिसागर महाराज – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
04 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग अट्ठाईस : जीव वध बंद करने और पशुओं का बलिदान रोकने से बढ़ेगी पृथ्वी की ऊर्वरा शक्ति-आचार्य श्री शांतिसागर महाराज – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
03 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग सत्ताईस : जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक पूरे विधान से करने पर हर स्थान की हो जाती है शुद्धि – आचार्य श्री शांतिसागर महाराज – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
02 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग छब्बीस : लोकवाणी के स्थान पर जिनेंद्र की वाणी को मानना ही सर्वथा उचित-आचार्य श्री शांतिसागर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
01 Jun By admin 0 Comment In शांति कथा भाग पच्चीस : गर्म दूध अंजुलि में डालने और आहार में अंतराय होने पर भी क्रोधित नहीं हुए थे आचार्य श्री शांतिसागर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
31 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग चौबीस : णमोकार मंत्र के माध्यम से मिथ्या मान्यताओं को दूर करते थे आचार्य श्री शांतिसागर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
30 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग तेईस : जब किसी की बुद्धि खराब होती है तो वह कहता है जमाने को खराब-आचार्य श्री शांतिसागर महाराज – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज