29 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग बाईस : आत्मशक्तियों को केंद्रित करके विपत्तियों के स्वागत के लिए तैयार हो जाते थे आचार्य श्री शांतिसागर- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
28 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग इक्कीस : हरिजनों का नैतिक जीवन ऊंचा बनाकर सच्चा उद्धार किया था आचार्य श्री शांतिसागर ने – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
27 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग बीस : मिथ्यात्व का त्याग करके लोगों में जगाई जिनेंद्र भक्ति की ज्योति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महराज
26 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग उन्नीस : क्षुल्लक शांतिसागर जी ने आगम के अनुसार आहारचर्या शुरू करवा कर पैदा की नई क्रांति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
24 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग सत्रह : मुनि देवेंद्रकीर्ती स्वामी से ली थी सातगौड़ा ने पहली बार क्षुल्लक दीक्षा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
22 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग पन्द्रह : दादी से मिली थी सातगौड़ा को आहार दान और सेवा-भक्ति की शिक्षा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
21 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग चौदह : भाई के प्रवचन सुनकर सातगौड़ा के मन में बढ़ा था वैराग्य का भाव – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
20 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग तेरह : अपने से झगड़ने वाले को भी बड़े प्रेम से समझाते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
19 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग बारह : बच्चों के प्रति वात्सल्य का भाव रखते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
18 May By admin 0 Comment In शांति कथा भाग ग्यारह : भोजग्राम के लिए पिता तुल्य थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज