मुनि श्री के धर्म पथ पर आरोहण की मैं साक्षी रही हूं। मुनि श्री ने हमें सिखाया है कि अपने जीवन में उत्थान तभी संभव है, जब हम सबके भले की सोचें। मैंने यही बात उनसे सीखी है, जिसकी वजह से आज एक सुकून रहता है मन में। मुझे लगता है कि जब से मैं गुरुदेव से मिली हूं, मन नई ऊर्जा से भरा रहता है। उन्होंने भी मुझे मां तुल्य समझा है और मुझे अपने वात्सल्य को उन पर न्योछावर करने का अनुपम अवसर प्रदान किया है। मेरे जीवन की सकारात्मकता के केंद्र बिंदु वही हैं।
अजित जैन – रंजु जैन
गुवाहाटी