प्रेरणा : आहार दान से आती है शांति व समृद्धि – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

प्रेरणा : आहार दान से आती है शांति व समृद्धि – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज इस बात का सदा स्मरण रहे कि कर्तव्य

प्रेरणा : रावण ने नहीं होने दिया हिंसक यज्ञ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : रावण ने नहीं होने दिया हिंसक यज्ञ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज पद्मपुराण में रावण को लेकर एक प्रसंग आता

प्रेरणा : जिनेन्द्र देव की शरण से ही मिलती है सुख संपदा – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : जिनेन्द्र देव की शरण से ही मिलती है सुख संपदा – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज संसार में जिनेन्द्र भगवान की

प्रेरणा : युद्ध में भी धर्म का पालन होना चाहिए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : युद्ध में भी धर्म का पालन होना चाहिए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज पद्मपुराण के पर्व 67-68-69 में एक प्रसंग

प्रेरणा : शत्रु से भी द्वेष मत रखिए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : शत्रु से भी द्वेष मत रखिए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज इतिहास साक्षी है कि जीवन को निर्मल और पवित्र

प्रेरणा : सबकी सुनकर धर्म के अनुसार निर्णय कीजिए – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी

प्रेरणा : सबकी सुनकर धर्म के अनुसार निर्णय कीजिए – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी व्यक्ति मोह में आकर अपनी बुद्धि, शक्ति, ज्ञान का नकारात्मक उपयोग

प्रेरणा : हमारी संस्कृति है कि कन्या अकेली ना निकले – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी

प्रेरणा : हमारी संस्कृति है कि कन्या अकेली ना निकले – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी पहले समय में पिता की आज्ञा से भी पुत्री को

प्रेरणा : दूसरों की वेदना दूर करना ही मानव धर्म है – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी

प्रेरणा : दूसरों की वेदना दूर करना ही मानव धर्म है – अंतर्मुखी मुनि पूज्यसागर जी पद्मपुराण के पर्व 65 में वर्तमान में हम सब

प्रेरणा : दृढ़ संकल्प के साथ आराधना की जाए तो फल अवश्य मिलता है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : दृढ़ संकल्प के साथ आराधना की जाए तो फल अवश्य मिलता है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज रावण अपने संकल्प

प्रेरणा : कितना भी शत्रु भाव हो पर मानवता जरूरी है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

प्रेरणा : कितना भी शत्रु भाव हो पर मानवता जरूरी है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज पद्मपुराण के पर्व 75 में मानवता