चौदहवां दिन : शरीर का सही उपयोग आत्मसाधना से ही – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

चौदहवां दिन : शरीर का सही उपयोग आत्मसाधना से ही – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मैं निर्मल हूं,

पंद्रहवां दिन : पुरुषार्थ ही व्यक्ति को बनाता है मजबूत – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

पंद्रहवां दिन : पुरुषार्थ ही व्यक्ति को बनाता है मजबूत – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मेरे जीवन का

सोलहवां दिन : जिनेन्द्र के प्रति भी अपनवत का व्यवहार रखें – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

सोलहवां दिन : जिनेन्द्र के प्रति भी अपनवत का व्यवहार रखें – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना

सत्रहवां दिन : मन में आए विचारों का भी हो जाता है बन्ध – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

सत्रहवां दिन : मन में आए विचारों का भी हो जाता है बन्ध – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से

अठारहवां दिन : इंसान खुद कर्म का जाल बुनता है और उसी में फंस जाता है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

अठारहवां दिन : इंसान खुद कर्म का जाल बुनता है और उसी में फंस जाता है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर

उन्नीसवां दिन : साधना मेरा भविष्य का भाग्य बना रही है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

उन्नीसवां दिन : साधना मेरा भविष्य का भाग्य बना रही है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना

बीसवां दिन : अपने अंदर की शक्ति को पहचानना महत्वपूर्ण – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बीसवां दिन : अपने अंदर की शक्ति को पहचानना महत्वपूर्ण – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से अन्तर्मुखी की मौन

इक्कीसवां दिन : जीव का हर क्षण उसके कर्म के अधीन – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

इक्कीसवां दिन : जीव का हर क्षण उसके कर्म के अधीन – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना

बाईसवां दिन : विवादित बातें जोड़ती नहीं, तोड़ती हैं – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बाईसवां दिन : विवादित बातें जोड़ती नहीं, तोड़ती हैं – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 22वां

तेईसवां दिन : मनुष्य की इच्छा और अप्रेक्षा – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

तेईसवां दिन : मनुष्य की इच्छा और अप्रेक्षा – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 23वां दिन।