स्वाध्याय – 8 : अष्ट प्रातिहार्य
स्वाध्याय – 8 : अष्ट प्रातिहार्य देवों के द्वारा रचित अशोक वृक्ष आदि को प्रातिहार्य कहते हैं। वे आठ होते हैं-1. अशोक वृक्ष, 2. तीन
स्वाध्याय – 7 : अरिहंत परमेष्ठी के देवकृत 14 अतिशय
स्वाध्याय – 7 : अरिहंत परमेष्ठी के देवकृत 14 अतिशय 1. अर्धमागधी भाषा-भगवान् की अमृतमयी वाणी सब जीवों के लिए कल्याणकारी होती है तथा मागध
स्वाध्याय – 9 : ऐरावत हाथी का वर्णन
स्वाध्याय – 9 : ऐरावत हाथी का वर्णन ऐरावत हाथी एक लाख योजन विस्तार वाला होता है। एक ऐरावत हाथी के 32 मुख होते हैं।
स्वाध्याय – 10 : श्रवणबेलगोला के भगवान बाहुबली की मूर्ति की ऊंचाई का वर्णन
स्वाध्याय – 10 : श्रवणबेलगोला के भगवान बाहुबली की मूर्ति की ऊंचाई का वर्णन श्रवणबेलगोला के भगवान बाहुबली की मूर्ति की ऊंचाई – 58.8 फीट
स्वाध्याय – 11 : धन का खर्च किन क्षेत्रों में करें
स्वाध्याय – 11 : धन का खर्च किन क्षेत्रों में करें 1. भगवान के प्रतिबिंब (प्रतिमा) बनवाने में 2. जैन मंदिर के लिए 3. जिन
स्वाध्याय – 12 : चार अनुयोग
स्वाध्याय – 12 : चार अनुयोग प्रथमानुयोग : पुण्य रूप अर्थ का व्याख्यान करने वाला चरित्र को, पुराण को, बोधि- समाधि के निधान भूत कथा वर्णन
देने का भाव रखोगे तो हमेशा स्वस्थ रहोगे
देने का भाव रखोगे तो हमेशा स्वस्थ रहोगे स्व और पर कल्याण का साधन… दान! – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महारज स्व और पर कल्याण
जीवन की जीवनी है उर्जा है आध्यात्म
जीवन की जीवनी है उर्जा है आध्यात्म अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज प्रकरण १ घर के झगड़ों का तनाव झेला ना गया, आत्महत्या कर ली।
आपदाएं इंसान को मजबूत बनाती है
आपदाएं इंसान को मजबूत बनाती है अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज प्राणी मात्र के जीवन में दु:ख, संकट और आपदा अचानक बिना कहे ही आती
गुरूकुल शिक्षा पद्धति : वर्तमान समय की आवश्यकता-
गुरूकुल शिक्षा पद्धति : वर्तमान समय की आवश्यकता- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज विकास की मंशा से तीव्र गति से दौडते वर्तमान युग में चिरंतन
