जैन धर्म के अनुसार रक्षा बँधन क्यों? – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

जैन धर्म के अनुसार रक्षा बँधन क्यों? – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन अत्यंत प्राचीन पर्व है। इसकी परम्परा अठारहवें तीर्थंकर अरहनाथ के

संस्कारों का शंखनाद करने वाला पर्वः दशलक्षण पर्व – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

संस्कारों का शंखनाद करने वाला पर्वः दशलक्षण पर्व – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि चर्या के ज्ञान को साकार करते हैं श्रावक पर्व का

पर्युषण पर्वः आत्मचिंतन, आत्मशोधन का पर्व – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

पर्युषण पर्वः आत्मचिंतन, आत्मशोधन का पर्व – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व जैन समाज में सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। इसका शाब्दिक अर्थ है-

क्षमा के अभाव में व्यक्ति क्रोध को स्थान देता है। – मुनि पूज्य सागर महाराज

क्षमा के अभाव में व्यक्ति क्रोध को स्थान देता है। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष -पहला दिन – उत्तम क्षमा धर्म पर्व

पर्युषण पर्व पर अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर द्वारा लिखित आलेख का संग्रह

पर्युषण पर्व पर अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर द्वारा लिखित आलेख का संग्रह पर्यूषण पर्व: संस्कारों के शंखनाद का आगाज करने वाला पर्व, इस पर्व के

अहंकार को धरातल पर रखकर जीना ही मार्दव धर्म है। – मुनि पूज्य सागर महाराज

अहंकार को धरातल पर रखकर जीना ही मार्दव धर्म है। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष -दूसरा दिन- उत्तम मार्दव धर्म उल्लसित करने

प्रसन्नता के रथ पर सवारी के लिए अपनाएं उत्तम आर्जव धर्म। – मुनि पूज्य सागर महाराज

प्रसन्नता के रथ पर सवारी के लिए अपनाएं उत्तम आर्जव धर्म। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष – तीसरा दिन – उत्तम मार्दव

मन की स्वच्छता के लिए जरूरी उत्तम शौच धर्म। – मुनि पूज्य सागर महाराज

मन की स्वच्छता के लिए जरूरी उत्तम शौच धर्म। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष – चौथा दिन – उत्तम शौच धर्म जीवन

मौन और सत्य है, जीवन का आधार। – मुनि पूज्य सागर महाराज

मौन और सत्य है, जीवन का आधार। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष – पांचवां दिन – उत्तम सत्य धर्म दशलक्षण धर्म के

संयम : स्वयं पर नियंत्रण करना सिखाता है। – मुनि पूज्य सागर महाराज

संयम : स्वयं पर नियंत्रण करना सिखाता है। – मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व विशेष – छठवां दिन – उत्तम संयम धर्म आज हम