प्रेरणा : कर्म का खेल समझ, खुद को धर्म में लगाओ
प्रेरणा : कर्म का खेल समझ, खुद को धर्म में लगाओ पद्मपुराण के पर्व 78 कुम्भकर्णादि के जीवन का एक प्रसंग है जो हम सब
अतुलनीय है राम और भरत की समर्पण भावना – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
अतुलनीय है राम और भरत की समर्पण भावना – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज परिवार में एक दूसरे के प्रति समर्पण का भाव, त्याग, विनय ही परिजनों
धर्म साधना करने वाले साधुओं के चरणों में हर रोग का उपचार है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
धर्म साधना करने वाले साधुओं के चरणों में हर रोग का उपचार है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज ऐसे सम्पूर्ण रोग, शोक जिनका इलाज विज्ञान
मुनियों के प्रति नकारात्मक सोच न हो – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
मुनियों के प्रति नकारात्मक सोच न हो – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज किसी ना किसी घटना, कार्य से हमें प्रेरणा मिलती है। पद्मपुराण के
राम-लक्ष्मण का अतुलनीय भातृ-प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
राम-लक्ष्मण का अतुलनीय भातृ-प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पद्मपुराण पर्व 88 में राम-लक्ष्मण के राज्याभिषेक को लेकर चर्चा की गई है। इस चर्चा
संकट में भी आत्मविश्वास रखें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
संकट में भी आत्मविश्वास रखें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज धर्मकथाओं से प्रेरणा लेने पर ही धार्मिक संस्कृति सुरक्षित रहती है। पद्मपुराण के पर्व
हरेक घटना प्रेरणास्रोत – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
हरेक घटना प्रेरणास्रोत – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज जीवन में अगर अच्छा ग्रहण करने का भाव हो तो किसी भी घटना से प्रेरणा ली
दुःख के समय कोई साथी नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
दुःख के समय कोई साथी नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज भाव को सदैव विशुद्ध बनाए रखना चाहिए। भावों की अशुद्धि के कारण जीवन
प्रेरणा – देखिए कैसा होना चाहिए मां और बेटे का प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
प्रेरणा – देखिए कैसा होना चाहिए मां और बेटे का प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पद्मपुराण पर्व इक्यासी में मां का बेटे के
राम की प्रार्थना – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
राम की प्रार्थना – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज पद्मपुराण पर्व अस्सिवाँ में वर्णन आया है कि रावण के शरीर का अग्निसंकार के
