तुम मनुष्य बनो
तुम मनुष्य बनो बहुत समय पहले की बात है। किसी जंगल में एक तपस्वी महाराज आए हुए थे। लोग कहते थे कि जो भी उन
पहले सोचो, फिर करो – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
पहले सोचो, फिर करो – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज बहुत पुरानी बात है। चार विद्वान ब्राह्मण मित्र थे। एक दिन चारों ने संपूर्ण देश
विज्ञान के साथ धर्म का आलम्बन लें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
विज्ञान के साथ धर्म का आलम्बन लें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पद्मपुराण पर्व अस्सी में एक बहुत प्रेरणादायक कहानी आई है, आओ पढ़ते हैं
शुभभावों का आलम्बन हितकारी – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
शुभभावों का आलम्बन हितकारी – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज जीवन में कब और कौनसी घटना घट जाए, कोई नहीं जानता। सीता जब गर्भावस्था में
कर्म भविष्यकाल का कारण भी – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
कर्म भविष्यकाल का कारण भी – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पद्मपुराण पर्व 85 में एक कहानी आती है। जो इस बात को बात का
सधर्म ही सच्चा सहारा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
सधर्म ही सच्चा सहारा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज वर्तमान का समय भागदौड़ और आपा खो देने वाला है। परिवार में पति-पत्नी के बीच
सीता का निर्वासन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
सीता का निर्वासन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पद्मपुराण पर्व 97 में सीता को जंगल में भेजने को लेकर राम और लक्ष्मण आपस में
कहानी – तप का प्रभाव – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
तप के प्रभाव से रोग, शोक आदि अनेक प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। पद्मपुराण पर्व 92 में आता है कि मुनियों के प्रभाव
कहानी : मुनि सेवा का फल बिना मांगे ही मिल जाता है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज
कहानी : मुनि सेवा का फल बिना मांगे ही मिल जाता है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज मुनि की सेवा का फल बिना
भाग चवालीस : शरीर के प्रति निस्पृह भावना के कारण नहीं रहती दिगंबर साधुओं में वस्त्रधारण की मनोवृत्ति-आचार्य शांतिसागर महाराज
एक बार आचार्य शांतिसागर महाराज ससंघ रायपुर पहुंचे तो वहां एक अंग्रेज अधिकारी की मेम ने दिगंबर संघ को देखा। दिगंबर साधुओं के संघ देखते
