ईश्वर के सानिध्य में हैं मुनि पूज्य सागर
ईश्वर के सानिध्य में हैं मुनि पूज्य सागर कहते हैं कि संतों की गोद मां को भी भुला देती है। मुनि पूज्य सागर एक ऐसे
गुरु ग्रंथ साहिब जैसे मुनि श्री के प्रवचन
गुरु ग्रंथ साहिब जैसे मुनि श्री के प्रवचन धर्म की जो बातें गुरु ग्रंथ साहिब में कही गई हैं, वही बातें मुनि श्री अपने प्रवचन
सकारात्मकता के केंद्र बिंदु हैं मुनि श्री
सकारात्मकता के केंद्र बिंदु हैं मुनि श्री मुनि श्री के धर्म पथ पर आरोहण की मैं साक्षी रही हूं। मुनि श्री ने हमें सिखाया है
जिंदगी बदल गई हमारी
जिंदगी बदल गई हमारी मुनि श्री के संपर्क में आने के बाद से हमारी जिंदगी बदल गई। हमने अपना एकमात्र गुरु उन्हें ही माना है।
मिलता रहे सदा आशीर्वाद
मिलता रहे सदा आशीर्वाद मुनि श्री पूज्य सागर जी के सान्निध्य में आनंद का अहसास हुआ है। मुनि श्री का स्वभाव बहुत ही सरल है।
मुनि श्री समाज में लाए नई जाग्रति
मुनि श्री समाज में लाए नई जाग्रति संसार के सभी प्राणी सुख पाने के लिए किसी ने किसी का सहारा पाने की कोशिश में लगे
साधना की भावना जागी
साधना की भावना जागी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज की वजह से हमारे भीतर साधना की भावना जागी है और हर रोज ही भक्तामर
अध्यात्म के अग्रदूत मुनि श्री
अध्यात्म के अग्रदूत मुनि श्री चिंतन, मनन और मौन साधना हर प्राणी के लिए संभव नहीं है लेकिन मैंने ये विशेष गुण मुनि श्री पूज्य
अब तनाव से दूर रहने लगे हैं
अब तनाव से दूर रहने लगे हैं जब मुनि श्री श्रवणबेलगोला की ओर विहार कर रहे थे तो बेंगलुरु में ही उन्होंने अपना चातुर्मास किया
चालीसवां दिन : आपस की बातचीत बंद न करें – मुनि पूज्य सागर महाराज
चालीसवां दिन : आपस की बातचीत बंद न करें – मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 40वां दिन।
