Written by: admin August 28, 2025 भक्ति पहले स्वार्थ से करता था, अब निस्वार्थ करता हूं भक्ति यही प्रथम सीढ़ी है, पहचान की। लेकिन नहीं अपनाया अब तक। Prev Post संस्कार Next Post स्वाध्याय – 16 :.