भक्तामर महामंडल विधान और पंचामृत अभिषेक
भक्तामर महामंडल विधान और पंचामृत अभिषेक भीलूड़ा। अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज की 48 दिवसीय मौन साधन चल रही है। उसके अंतर्गत शुक्रवार को भक्तामर विधान
शिष्य ने चरण वंदना की तो गुरु ने शिष्य को गले लगा लिया, श्रावकाें के खिल उठे चेहरे
शिष्य ने चरण वंदना की तो गुरु ने शिष्य को गले लगा लिया, श्रावकाें के खिल उठे चेहरे आचार्य ने कहा कि शब्दों में बड़ी
भक्तामर महामंडल विधान के 34वें दिन तीर्थकरों का पूजन
भक्तामर महामंडल विधान के 34वें दिन तीर्थकरों का पूजन मुनि पूज्य सागर महाराज की 48 दिवसीय मौन साधना जारी : भक्तिभाव से आयोजित हो रहा
तुष्टि दीदी ने प्रियंका सेठी को सौंपा मुनिश्री का भेजा प्रतीक चिन्ह
तुष्टि दीदी ने प्रियंका सेठी को सौंपा मुनिश्री का भेजा प्रतीक चिन्ह किशनगढ़। जैन समाज के पर्युषण महापर्व चल रहे हैं। पर्युषण महापर्व पर श्रावक-श्राविका साधना
12 श्रावक – श्राविका ने एक साथ पहली बार किए 10 उपवास
12 श्रावक – श्राविका ने एक साथ पहली बार किए 10 उपवास भीलूड़ा । @तृष्टि जैन । अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सान्निध्य और आशीर्वाद
अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज 48 दिन के बाद 22 सितम्बर को मौन खोलेंगे
अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज 48 दिन के बाद 22 सितम्बर को मौन खोलेंगे भक्तामर विधान के माध्यम से भगवान आदिनाथ की अर्घ्य, दीपक,नैवैद्य से
साक्षात्कार : मौन साधना से मन के रुग्ण विचार होते हैं दूर, सच्चा राजनीतिक नेता वही, जो मौन पूर्वक कार्य करता हो, आज नेता मौन नहीं है, इसलिए विवाद हो रहे है : मुनि श्री
साक्षात्कार : मौन साधना से मन के रुग्ण विचार होते हैं दूर, सच्चा राजनीतिक नेता वही, जो मौन पूर्वक कार्य करता हो, आज नेता मौन
54 दिन बाद 28 सितंबर काे आहार में करेंगे अन्न ग्रहण, मनाया जाएगा साधना महाेत्सव
54 दिन बाद 28 सितंबर काे आहार में करेंगे अन्न ग्रहण, मनाया जाएगा साधना महाेत्सव भीलूड़ा/ डूंगरपुर। भीलूड़ा में चातुर्मासरत मुनि पूज्य सागर महाराज 54 दिन
शिष्य की साधना देख गुरु स्वयं माैजूद रहे आहार चर्या में, 54 दिन बाद मुनि ने किया आहार में अन्न का ग्रहण
शिष्य की साधना देख गुरु स्वयं माैजूद रहे आहार चर्या में, 54 दिन बाद मुनि ने किया आहार में अन्न का ग्रहण भीलूड़ा/ डूंगरपुर । भीलूड़ा
पंच परमेष्ठी की उपासना करने से पुण्य का संचय होता है, हमें इनके गुणों का चिंतन करना चाहिए – मुनि पूज्य सागर महाराज
पंच परमेष्ठी की उपासना करने से पुण्य का संचय होता है, हमें इनके गुणों का चिंतन करना चाहिए – मुनि पूज्य सागर महाराज : भीलूड़ा
