भक्तामर महामंडल विधान के 34वें दिन तीर्थकरों का पूजन

मुनि पूज्य सागर महाराज की 48 दिवसीय मौन साधना जारी : भक्तिभाव से आयोजित हो रहा है विधान

दिगम्बर जैन मंदिर। भीलूड़ा में अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सानिध्य में 48 दिवसीय भक्तामर महामंडल विधान भक्तिभाव से आयोजित हो रहा है। विधान के 34वें दिन प्रातः 4 बजे 24 तीर्थकरों के अलग-अलग पूजन, सहस्त्रनाम, धूप के साथ आहुति देते हुए अर्घ्य समर्पित किए गए।

उसके बाद मुनिश्री के सानिध्य में मूलनायक भगवान शान्तिनाथ भगवान व आदिनाथ भगवान का दूध, दही, लाल चंदन, सफेद चंदन, अनेक जड़ी बूटियों से अभिषेक व शांतिधारा कर विधान की शुरुआत हुई। अभिषेक के बाद नव-देवता का पूजन हुआ और श्री 1008 शान्तिनाथ भगवान और श्रीआदिनाथ भगवान की पूजा-अर्चना हुई। भक्तमर के काव्य 6 और 48 काव्य के विशेष 56-56 अर्घ्य समर्पित भी किए गए। काव्य 28 से 35 तक विशेष मंत्र बोलकर अष्ट प्रातिहार्य भी मंडप पर चढ़ाया गया।

संगीतकार रिंकू जैन, बांसवाड़ा ने भक्तामर विधान की संगीतमय पूजा कराई। सौधर्म इन्द्र का लाभ कनकमल जैन और जयंतीलाल जैन परिवार, भीलूड़ा को प्राप्त हुआ। 64 चंवर के साथ श्रावक -श्राविकाओं ने नृत्य किया। विधान में क्षुल्लक अनुश्रवण सागर महाराज, कांतिलाल भरड़ा, चेतनलाल भरड़ा, जयंतीलाल भरड़ा, रमणलाल टुकावत, धनपाल जैन, कमलेश टुकावत, जयवंत भरड़ा, जयन्त भरड़ा, कमलेश शाह आदि के साथ महिला मंडल, युवा मंडल के लोग उपस्थित रहे।

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