Written by: admin July 10, 2025 तीन भुवन में सार, वीतराग विज्ञानता । शिवस्वरूप शिवकार, नमहुँ त्रियोग सम्हारिकैं॥ Prev Post छहढाला पहली ढाल छंद. Next Post छहढाला और उसके रचयिता.