आज आदिनाथ जयंती है अर्थात आज आदिनाथ भगवान का जन्मदिन है। जिसका जन्मदिन होता है उसे कुछ ना कुछ उपहार दिया जाता है। तो आज आप भगवान को उपहार में क्या दोगे? तीर्थंकर का जन्मदिन है तो उन्हें कोई संसारी उपहार तो दे नहीं सकते हैं तो फिर ऐसा क्या दें जिससे तीर्थंकर भगवान का जन्मदिन मनाना हमारे लिए सार्थक हो जाए और यह उपहार हमें जीवन भर याद रहे। उपहार ऐसा हो कि हमारी कर्म निर्जरा भी हो जाए और जो आदिनाथ भगवान प्रिय भी हो।
श्रावक बंधुओ वह उपहार है स्वाध्याय। स्वाध्याय से कर्म की निर्जरा होती है। ज्ञान बढ़ता है और ज्ञान अमृत के समान है। जो इसका एक बार पान कर ले तो वह अशुभ कर्मो से अपने आप बच जाता है। उसे करने और नहीं करने योग्य कार्य का ज्ञान हो जाता है। भगवान आदिनाथ ने अपने बच्चों को शिक्षा दी। ब्राह्मी-सुंदरी को अंक और अक्षर का तथा भरत आदि पुत्रों को अन्य कलाओं का ज्ञान करवाया।
आप को पता है आज हम जिस व्यवस्था में जी रहे हैं इन सब के उपदेश भगवान आदिनाथ ने ही दिए थे। यह बात अलग है कि उस व्यवस्था में शिथिलता आ गई है। नगर, समाज, विवाह, संस्कार आदि का ज्ञान मानव जाति को आदिनाथ ने ही दिया था। वह ज्ञान उन्हें स्वाध्याय से ही हुआ था। वह स्वाध्याय उसी जन्म का नहीं बल्कि न जाने कितने भव भवान्तर का था।
तो चलो आज आप भी भगवान आदिनाथ को उनके जन्मदिन पर स्वाध्याय करने का उपहार देकर भगवान के जन्मदिन को और अपने जीवन को सफल बनाएं। आप उपहार देने को तैयार हैं तो 9460155006 पर हमें सूचना दें कि आप ने आज आदिनाथ को उपहार दिया है। हमें सूचना मिलने पर हम आप को देवमित्र बनाएंगे और देवमित्र की श्रृंखला से आप भी जुड़ जाएंगे।
अनंत सागर
अंतर्मुखी के दिल की बात
तिरेपनवां भाग
5 अप्रैल 2021, सोमवार, भीलूड़ा (राजस्थान)
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