‘जैसी करनी, वैसी भरनी’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
‘जैसी करनी, वैसी भरनी’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक गांव में दो मित्र रहते थे। एक बार उन्हें एक बड़ा खजाना मिला।
‘अवसर की पहचान’
‘अवसर की पहचान’ एक बार एक ग्राहक चित्रों की दुकान पर गया। उसने वहां पर अजीब से चित्र देखे। पहले चित्र में चेहरा पूरी तरह
कहानी :- ‘शेर बनना है या लोमड़ी’-अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी :- ‘शेर बनना है या लोमड़ी’-अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक बार एक किसान जंगल में लकड़ी बीनने गया तो उसने एक
कहानी :- जिसका काम उसी को साधे अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
जाट और बनिये में अच्छी दोस्ती थी । जाट खेती करता था । बनिया अपने व्यापार में मस्त रहता था। एक साल बारिश नहीं हुई।
कहानी:- ‘संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी:- ‘संघर्ष ही शक्ति को विकसित करता है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक बार एक आदमी ने अपने बगीचे में एक तितली
कहानी:-‘विश्वास का भाव’ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी:-‘विश्वास का भाव’ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक व्यक्ति बहुत परेशान था। उसके दोस्त ने उसे सलाह दी कि कृष्ण भगवान
कहानी:-‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी:-‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक राजा का दरबार लगा हुआ
कहानी:- ‘सिक्के के दोनों पहलू देखिए’ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक समय की बात है। एक गांव में 6 अंधे व्यक्ति रहते थे। वह बड़ी खुशी के साथ आपस में रहते थे। एक बार उनके
कहानी:- ‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी:- ‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक राजा का दरबार लगा
कहानी:- ‘सफलता के लिए लगातार सीखते रहें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
कहानी:- ‘सफलता के लिए लगातार सीखते रहें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज एक बार एक राजा ने एक लकड़हारे को अपने यहां नियुक्त
