भक्तामर स्तोत्र काव्य – 48
भक्तामर स्तोत्र काव्य – 48 भक्तामर स्तोत्र काव्य – 48 मनोवांछित सिद्धिदायक स्तोत्र-स्त्रजं तव जिनेन्द्र गुणैर्-निबद्धाम् भक्त्या मया विविध-वर्ण-विचित्र-पुष्पाम् । धत्ते जनो य इह कण्ठ-गतामजसं
भाग दो : चंदन के वृक्ष वाले आंगन में जन्मे थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग दो : चंदन के वृक्ष वाले आंगन में जन्मे थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज हम आज बात करेंगे सातगौड़ा पाटिल की,
भाग एक : गृहस्थ रहकर बने भी जो महान वीतरागी संत – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग एक : गृहस्थ रहकर बने भी जो महान वीतरागी संत – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज • मुनि चर्या को पुनर्जीवित करने वाले संत
भाग चार : अपूर्व था सातगौड़ा का पक्षियों के प्रति प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग चार : अपूर्व था सातगौड़ा का पक्षियों के प्रति प्रेम – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज आप सभी को आशीर्वाद। आज हम बात करेंगे
भाग तीन : निस्पृहता से परिपूर्ण था सातगौड़ा का जीवन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग तीन : निस्पृहता से परिपूर्ण था सातगौड़ा का जीवन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज भाग 2 में हमने आपसे बात की थी सातगौड़ा
भाग छः : जीव मात्र के प्रति दया भाव रखते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग छः : जीव मात्र के प्रति दया भाव रखते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज आज मैं आपको सातगौड़ा की कुछ ऐसी
भाग पांच : सातगौड़ा को अपना जीवनदाता मानते थे शूद्र – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग पांच : सातगौड़ा को अपना जीवनदाता मानते थे शूद्र – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज सातगौड़ा के पक्षी प्रेम के बारे में जानकर आपको
भाग आठ : विदुषी माता से सातगौड़ा में हुआ धर्म और संस्कारों का बीजारोपण – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग आठ : विदुषी माता से सातगौड़ा में हुआ धर्म और संस्कारों का बीजारोपण – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज बच्चों को संस्कार उनके माता-पिता
भाग सात : सत्य और मधुर भाषा बोलने में विश्वास करते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग सात : सत्य और मधुर भाषा बोलने में विश्वास करते थे सातगौड़ा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज आप सभी को पता होना चाहिए
भाग नव : त्याग और संयम का रहता था सातगौड़ा के घर का वातावरण – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
भाग नव : त्याग और संयम का रहता था सातगौड़ा के घर का वातावरण – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज यह मां के पुण्य का
