अहिंसा के पुजारी महावीर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

अहिंसा के पुजारी महावीर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर जब इस धरती पर चारों ओर हिंसा का तांडव मचा हुआ था। मनुुष्य एक दुसरें  को

आज मनुष्य की सांसों पर जो संकट है,उसका कारण मनुष्य स्वयं ही है पृथ्वी का दोहन हमने इस तरह से किया है कि सांस लेने की भी जगह नहीं बची है : मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज मनुष्य की सांसों पर जो संकट है,उसका कारण मनुष्य स्वयं ही है पृथ्वी का दोहन हमने इस तरह से किया है कि सांस लेने

Antarmukhi live: धन का उपयोग कैसे करें- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

Antarmukhi live: धन का उपयोग कैसे करें- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पैसा सभी कमाना चाहते हैं और पैसे का सदुपयोग भी सभी करना चाहते

Antarmukhi LIVE : मनुष्य रोगी हो जाता है उसके रोगी होने का कारण क्या है? हमें निरोगी रहने के लिए क्या करना चाहिए? – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

Antarmukhi LIVE : मनुष्य रोगी हो जाता है उसके रोगी होने का कारण क्या है? हमें निरोगी रहने के लिए क्या करना चाहिए? – अंतर्मुखी

णमोकार मंत्र का महात्म्य – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

णमोकार मंत्र का महात्म्य – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं, णमो आयरियाणं, णमो उवज्झायाणं, णमो लोए सव्व साहूण णमोकार मंत्र में

मदर्स डे : मां – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

मदर्स डे : मां – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर मनुष्य जीवन में सबसे महत्वपूर्ण शब्द है मां…। मां जीवन में दुख और सुख, दोनों समय साथ

कर्मों की गति जाने ना कोए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

कर्मों की गति जाने ना कोए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज कोरोना महामारी ने ऐसी स्थितियां बना दी है कि अब सब

जैन धर्म के अनुसार रक्षा बँधन क्यों? – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

जैन धर्म के अनुसार रक्षा बँधन क्यों? – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज प्रतिवर्ष श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को रक्षाबंधन अत्यंत प्राचीन पर्व है। इसकी परम्परा अठारहवें तीर्थंकर अरहनाथ के

संस्कारों का शंखनाद करने वाला पर्वः दशलक्षण पर्व – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

संस्कारों का शंखनाद करने वाला पर्वः दशलक्षण पर्व – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मुनि चर्या के ज्ञान को साकार करते हैं श्रावक पर्व का

पर्युषण पर्वः आत्मचिंतन, आत्मशोधन का पर्व – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

पर्युषण पर्वः आत्मचिंतन, आत्मशोधन का पर्व – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज पर्युषण पर्व जैन समाज में सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। इसका शाब्दिक अर्थ है-