दिल की बात:-‘संसारी कार्यों को महत्व देना आंतरिक भावों को दूषित करता है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज अधिकांश श्रावकों के स्वभाव में साधुओं और धार्मिक कार्यों के प्रति कुछ अविनय का भाव का गया है। भाव सही है या गलत यह

दिल की बात:-‘बच कर रहिए सोशल मीडिया के जाल से’ अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

सोशल मीडिया पर आजकल आप जो पारिवारिक फोटो, सेल्फी आदि पोस्ट करते है वह आगे जाकर कितनी खतरनाक साबित हो सकती है, इसकी कल्पना भी

दिल की बात:-‘अनेक नहीं एक संगठन बनाएं, ताकि एकता बनी रहे’-अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज नगर-नगर में हमारा समाज बंट रहा है। समाज का विभाजन हो रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक प्रमुख कारण यह

दिल की बात:- अपने घर में ‘संस्कृति मंदिर’ बनाने का संकल्प लें अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज अधिकांश परिवारों में युवा पीढी धर्म से दूर है। यह एक गंभीर विषय है। हम इसे जितना नजर अंदाज करेंगे उतना हमारे परिवारों के

दिल की बात:- ‘इतनी क्षति के बाद अब सजग होने की जरूरत’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

कालचक्र में कब कौन किसे छोड़ कर चला जाए यह कहना मुश्किल है। जाना तो सब को एक दिन है लेकिन किसी का असमय जाना

दिल की बात- ‘जो विवादों को बढ़ावा दे रहे हैं वो सच्चे श्रावक नहीं’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

वर्तमान स्थिति को देखकर लगता है कि आने वाले समय में जैन धर्म इतने भागों में बंट जाएगा कि हमारी आने वाली पीढी हमारे देव,

दिल की बात:- ‘सामाजिक व्यवस्थाओं को मजबूत करना जरूरी’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

सामाजिक व्यवस्थाएं तब तक मजबूत नही होंगी जब तक कि समाज का विकास ना हो और समाज मजबूत ना हो। सामाजिक व्यवस्थाएं हमें हमारी परम्पराओं

दिल की बात-‘घर को संस्कार का मंदिर बनायें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

वर्तमान में हम देख रहे हैं की हमारे बच्चों में संस्कारों की कमी आती जा रही है। हम उन्हें आपने संस्कार और संस्कृति के बारे

दिल की बात:- ‘संतों के विहार से जुड़ी समस्याओं पर समाज करे विचार’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

कुछ महीनों पहले अंतर्मुखी दिल की बात में साधुओं के आहार-विहार के बारे में लिखा गया था। आज मुझे एक बात पढ़ने को मिली, जिसमें

अंतर्मुखी के दिल की बात:- ‘नए वर्ष में सतर्कता बरतें, सतकर्म की ओर बढ़ें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

हम सब चार दिनों बाद साल 2020 को अलविदा कहेंगे और 2021 का स्वागत करेंगे। अगर 2021 में कुछ विशेष प्राप्त करना है, कुछ नया