वैक्सीन नहीं तो कुछ नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

हम बोल चाल की भाषा में बोलते है ना कि एक मछली पूरे तालाब को गंदा कर देती है। यह बात अब समझ में आ

मीडिया की नई प्रौद्योगिकी से जुड़ना होगा – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

जैन समाज समृद्ध है। इसमें बुद्धिजीवी, त्यागी, ज्ञानी और अनेक चिंतक हैं, साथ ही अनेक संस्थाएं भी हैं। फिर भी हमारी उदासीनता के कारण जैन

अनोप मंडल पर आक्रोश आना ही चाहिए – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

अनोप मंडल को लेकर समाज में आक्रोश है। समाज का आक्रोश होना ही चाहिए क्योंकि उन्होंने हमारे गुरु, शास्त्र पर आरोप लगाए हैं। यह समाज

मीडिया नेटवर्क से जुड़ने की जरूरत – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

सोशल मीडिया पर पोस्ट फेक न्यूज को पढ़कर हम या तो उसे सच मान लेते हैं अथवा उस न्यूज के बारे में अन्य साधनों से

सोशल मीडिया से अहिंसा की भावना बढ़ाएं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

15 जून को श्रुतपंचमी पर्व है। इसी दिन आचार्य पुष्पदंत-भूतबली स्वामी ने षट्खंडागम लिखकर पूर्ण किया था। आज वही लिखित शास्त्र हम सबको अहिंसा के

जाप का चातुर्मास कर कोरोना प्रकोप दूर करें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

चातुर्मास का समय पास आ गया है। समाज को संतों का मार्गदर्शन मिलेगा और संत अपनी साधना में भी लीन रहेंगे। यह समय श्रावक और

शास्त्रों के साथ खिलवाड़ न करें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

आज जो कुछ लिखा जाता है, वह कल के लिए इतिहास बन जाता है। हम जो भी लिखें, वह भूत, भविष्य और वर्तमान की परिस्थितियों

अहंकार से कलंकित न करें इतिहास – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

समाज का अहंकार समाज के इतिहास को नष्ट कर देता है। समाज के 4-6 लोग समाज का भविष्य लिखना चाहते हैं। जैन समाज का इतिहास