मैं राक्षस नहीं… राक्षस वंश का हूँ!

मेरा वंश पापियों का नहीं पुण्यात्माओं का है लेखक- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज पिछली बार मैंने आपको अपने अच्छे और सच्चे पहलुओं से

कहानी श्रवणबेलगोला मठ की – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

श्रवणबेलगोला मठ कब अस्तित्व में आया, इसके सम्बन्ध में स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलते। 12वीं सदी से लेकर 19वीं सदी तक के शिलालेखों में ‘चारुकीर्ति’ नाम

मौन… एक साधना!

सकारात्कता से परिपूर्ण जीवन ऊर्जा है मौन। अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज मौन… केवल वाणी से कुछ न कहने का नाम नहीं, मौन तो एक क्रिया है जो आपकी चुप्पी से

समवशरण ही वह स्थान है जहां मनुष्य,तिर्यंच,और देव,एक साथ बैठकर सुनते हैं भगवान का धर्म उपदेश – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मैत्री भाव जगत में मेरा,सब जीवों से नित्य रहे । दीन-दुखी जीवों पर मेरे,उर से करुणा स्त्रोत बहे । दुर्जन-क्रुर-कुमार्ग रतों पर,क्षोभ नहीं मुझको आवे

ऐसे हुई अहिंसा युद्ध की स्थापना- अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

भरत(bharat) चक्रवर्ती जब अपनी छह खण्ड की दिग्विजय कर अयोध्या लौटे तो चक्ररत्न अयोध्या के प्रवेश द्वार के अन्दर प्रवेश नहीं कर रहा था। तक

“सत्य और साधुत्व के परीक्षा की घड़ी”-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बीते कुछ रोज पहले ही कुछ श्रावकों, संस्थाओं और श्रेष्ठीगणों ने साधुओं के आहार, विहार और निहार की व्यवस्था को बनाने के लिए एक संस्था

‘सूर्यास्त पश्चात भोजन विषाक्त कैसे हो जाता है?’ -अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

भारतीय और जैन संस्कृति में साधना, ध्यान, त्याग और संयम को महत्त्व दिया गया है। यह कहा जा सकता है कि इनके बिना भारतीय और

आलेख : महात्मा गांधी अहिंसा के पुजारी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी

दे दी हमें आजादी, बिना खड्ग बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि है। हम में

भगवान आदिनाथ द्वारा बताई गई 72 कलाएं-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

भगवान आदिनाथ ने छह विद्याओं के साथ ही मानव (पुरुष) जाति को 72 कलाओं का ज्ञान भी दिया था। आइए जानते हैं इन कलाओं के

महिला दिवस विशेष: बेटियों के बचने से ही समृद्ध होगी संंस्कृति -अंतर्मुखी मुनि श्री 108 पूज्य सागर महाराज

भारतीय संस्कृति और जैन संस्कृति में प्रारंभ से ही बेटियों का महत्व रहा है। हम इस युग के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की बात करें