इंद्रियों पर पूर्ण नियंत्रण ही ब्रह्मचर्य धर्म। – मुनि पूज्य सागर महाराज

पर्युषण पर्व विशेष – दसवां दिन – उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म दशलक्षण धर्म का अंतिम परंतु सबसे प्रभावी लक्षण है उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म। शास्त्रों के अनुसार

होम्बुज में हर्षोल्लास से मनाया जाता है नवरात्र पर्व : – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

धार्मिक संस्कृति से ओत-प्रोत भारत संसार का ऐसा देश है जहां सभी धर्मों के पर्व और त्यौंहार एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। सभी धर्मों के

स्मार्टफोन का उचित उपयोग – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

संसार में कोई भी वस्तु खराब नहीं होती। खराब होती है तो उसका उपयोग करने वाले कैसे लोग हैं। कहां, कब, क्या उपयोग करना चाहिए,

धार्मिक अनुशासन के साथ पढ़ाई सर्वोत्कृष्ट – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

इस आलेख में, जो कुछ मैं आपको बताने जा रहा हं, मेरे अपने अनुभव हैं। मन के अंतरंग उद्गार हैॆ। जब मैंने धर्म, ध्यान साधना

निर्वाणोत्सव है दीपावली – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

दीपावली….. अर्थात अंधकार पर प्रकाश की विजय का उत्सव। दीपावली भारतीय हिन्दू परम्परा और संस्कृति का सबसे प्राचीन और सबसे महत्वपूर्ण त्योंहार है। हिन्दू, जैन,

जीवन से मृत्यु तक संस्कार निहित रहेंगे ‘श्रीफल’ में

पूज्य जगद्गुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारूकीर्ति भट्टारक स्वामीजी, श्रवणबेलगोल के उद्गगार मेरे सहयोगी का पूछना है कि पत्रिका का नाम आखिर ‘श्रीफल’ क्यों? पत्रिका का नामकरण

जैन ग्रन्थ

अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज ग्रंथ शब्द के कई अर्थ हैं, पर यहां ग्रंथ का अर्थ है गणधर के द्वारा रचा गया द्रव्यश्रुत अर्थात् जिसमें

आदि पुरुष भगवान ऋषभदेव-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

ऋषभदेव निर्वाणोत्सव, 31 जनवरी के अवसर पर प्रासंगिक आलेख जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव हैं। वे सुसीमा नगरी के राजा नाभिराय के पुत्र थे।

भाग एक : मैं रावण… भविष्य का तीर्थंकर! – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज

[us_separator] रावण@ दस : भाग एक पूरा देश मुझे यानि रावण को जलाने के लिए मेरा पुतला बनाने में जुट गया है… अब जलाने के

भाग तीन : मैं सात्विक था… तामसिक नहीं! – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

[us_separator] रावण @ दस : भाग तीन नीति से दिग्विजय हुआ, कभी परस्त्री गमन नहीं स्वीकारा मैं सदा सात्विक विचारों वाला, धर्म और नीति का