घोड़ों का सईस
एक बार घोड़ों के मालिक की कन्या से घोड़ों के सईस को प्रेम हो गया। जब वेतन का समय आया तो कन्या ने सईस से
सच्चा प्रेम
पाटलिपुत्र में दो वेश्याएं रहती थीं। एक नाम था कोशा और दूसरा का था उपकोशा। स्थूलभद्र कोशा के साथ रहते थे। कुछ समय बाद उन्होंने
अपना अपना पुरुषार्थ
किसी नगर में तीन मित्र रहते थे, एक राजकुमार, एक मंत्रीपुत्र और एक वणिकपुत्र। एक बार तीनों मिले तो राजकुमार बोला, ‘मैं अपने पुण्य से
विद्या का घड़ा
किसी योद्धा की दरिद्रता के कारण बुरी हालत हो गई। उसने खेती की, कई काम किए, घर छोड़ दिया लेकिन सफलता नहीं मिली। एक दिन
तीन वणिकपुत्र
किसी वणिक के तीन पुत्र थे। वणिक ने उनकी बुद्धि, व्यवसाय और पौरुष की परीक्षा के लिए एक-एक रुपए देकर कहा कि इस रुपए से
श्रद्धा की जीत समझाती गुल्लिका अज्जि की कहानी
प्यारे बच्चों, आओ…आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं। यह कहानी है विश्वास की जीत की है। यह कहानी है गुल्लिका (gullika)अज्जि की। तुम जानते