ज्ञान

ज्ञान मेरा अपना फिर भी नहीं है, कब किसे आएगा कोई नहीं जानता। प्रतिदिन करता हूं आराधना अपने आराध्य की फिर भी रिक्तहै झोली मेरी

पुण्य

स्वर्ग से मोक्ष का सफल करवाता है भक्ति, आराधना, उपासन इसका टिकट दान, वात्सल्य, करूणा है बुकिंग स्थल देव, शास्त्र, गुरु बुकिंग मास्टर इसके समर्पण,