कहानी:-‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक राजा का दरबार लगा हुआ था। सर्दियों के दिन थे इसलिये राजा का दरबार खुले में बैठा था। पूरी आम सभा सुबह की धूप
कहानी:- ‘जो विपरीत परिस्थितियों में भी सुदृढ़ रहता है, वही सच्चा हीरा है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक राजा का दरबार लगा हुआ था। सर्दियों के दिन थे इसलिये राजा का दरबार खुले में बैठा था। पूरी आम सभा सुबह की धूप
कहानी:- ‘सफलता के लिए लगातार सीखते रहें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक बार एक राजा ने एक लकड़हारे को अपने यहां नियुक्त किया। राजा उसके कार्य से काफी खुश था क्योंकि उसने पहले ही महीने लगभग
कहानी:- ‘बिना नींव का मकान’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
भगवान बुद्ध के काल में किसी नगर में राम और श्याम नामक दो धनी व्यापारी रहते थे। वे दोनों ही अपने धन और वैभव का
कहानी:- ‘ताली एक हाथ से नहीं बजती’ अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक बार गौतम बुद्ध किसी गांव में गए। वहां एक स्त्री ने उनसे पूछा कि आप तो किसी राजकुमार की तरह दिखते हैं, आपने युवावस्था
कहानी:- ‘जिंदगी में प्राथमिकता निश्चित करें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक बार फिलोसॉफी की कक्षा में एक प्रोफेसर प्रवेश करते हैं। उनके साथ में एक कांच का जार, कुछ पत्थर, कंकड़ और कुछ बालू भी
कहानी:- ‘गुजरा हुआ समय दोबारा नहीं आता’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक नगर में एक बहुत ही अमीर आदमी रहता था। उस आदमी ने अपना सारा जीवन पैसे कमाने में लगा दिया। उसके पास इतना धन
कहानी:- ‘अपनी कीमत को कम ना समझें’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
एक बार एक प्रसिद्ध वक्ता किसी शहर में आये हुए थे और सैंकड़ो लोग उस वक्ता को सुनने आये थे। वक्ता दर्शकों के सामने एक
अपनी कीमत को कम ना समझें
एक बार एक प्रसिद्ध वक्ता किसी शहर में आये हुए थे और सैंकड़ो लोग उस वक्ता को सुनने आये थे। वक्ता दर्शकों के सामने एक
तीन कसौटियां
प्राचीन यूनान में सुकरात अपने ज्ञान और विद्वता के लिए बहुत प्रसिद्ध था। सुकरात के पास एक दिन उसका एक परिचित व्यक्ति आया और बोला,