बेटे के ससुर जी को दिया नया जीवन

हमारे जीवन में उनके आने के बाद सुख, शांति और समृद्धि बढ़ी। जीवन में रिक्तता पूर्ण हुई है और हम सब धर्म की राह में

अपने रास्ते खुद बनाना सीखा

महाराज जी से मिलने के बाद हमने अपनी सोच से आगे चलना और बढ़ना सीखा। उन्होंने हमें बताया कि हमें अपना रास्ता खुद बनाना चाहिए।

सरल महात्मा हैं मुनि पूज्य सागर

मुनि पूज्य सागर जी एक क्लिष्ट संत न होकर, सरल महात्मा हैं। वह जो शिक्षा देते हैं, उससे सभी का जीवन सरल बनेगा, उसमें कटुता

सभी संतों के लिए अनुकरणीय

मुनि पूज्य सागर जी खास बात यह है कि उनका व्यक्तित्व एक संत का व्यक्तित्व है। वह जिस तरह से अपने प्रवचनों के माध्यम से

चली गई नकारात्मकता

महाराज पूज्य सागर से जब से मिली हूं, तब मैं ही नहीं, परिवार के सभी लोग जीवन के हर क्षेत्र में सकारात्मक हो गए हैं।

उन्हीं की प्रेरणा से चले धर्म की राह पर

मुनि पूज्य सागर जी क्षुल्लक अवस्था में सागवाड़ा आए थे, आज वो मुनि हैं। धर्म की राह जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, हमें भी साथ लेकर

धर्म के प्रति बढ़ा सम्मान

मेरी जिंदगी के पहले गुरुदेव हैं। जब वह बेंगलुरु चातुर्मास के लिए आए थे, उससे पहले मैं किसी भी गुरु से इतना नहीं जुड़ा था।

ईश्वर के सानिध्य में हैं मुनि पूज्य सागर

कहते हैं कि संतों की गोद मां को भी भुला देती है। मुनि पूज्य सागर एक ऐसे ही संत हैं, जिनके सान्निध्य में हम सब

गुरु ग्रंथ साहिब जैसे मुनि श्री के प्रवचन

धर्म की जो बातें गुरु ग्रंथ साहिब में कही गई हैं, वही बातें मुनि श्री अपने प्रवचन में भी कहते हैं। वह सभी धर्मों को

सकारात्मकता के केंद्र बिंदु हैं मुनि श्री

मुनि श्री के धर्म पथ पर आरोहण की मैं साक्षी रही हूं। मुनि श्री ने हमें सिखाया है कि अपने जीवन में उत्थान तभी संभव