सत्रहवां दिन : मन में आए विचारों का भी हो जाता है बन्ध – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 17वां दिन। क्या जीवन में जरूरी है त्याग, संयम? यह सोच ही रहा था, इतने में

अठारहवां दिन : इंसान खुद कर्म का जाल बुनता है और उसी में फंस जाता है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से अन्तर्मुखी ने मौन साधना के 18 वें दिन कहा- आज कुछ अजीब सा महसूस हो रहा है। घबराहट, बेचैनी

उन्नीसवां दिन : साधना मेरा भविष्य का भाग्य बना रही है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना को 19 दिन हो गए हैं। साधना से मुझे जीवन में आत्मशांति का पूर्ण अनुभव हो रहा

बीसवां दिन : अपने अंदर की शक्ति को पहचानना महत्वपूर्ण – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से अन्तर्मुखी की मौन साधना का 20वां दिन। साधना में अनुभूति हुई कि अगर हमारा ध्यान प्रबल है तो बाहर

इक्कीसवां दिन : जीव का हर क्षण उसके कर्म के अधीन – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 21वां दिन। अहंकार में मनुष्य अपने आत्मिक स्वभाव से च्युत हो जाता है। अहंकार मीठा जहर

बाईसवां दिन : विवादित बातें जोड़ती नहीं, तोड़ती हैं – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 22वां दिन। विवादित बातों पर जवाब देने की प्रवृत्ति मनुष्य के मन, मस्तिष्क को विचलित कर

तेईसवां दिन : मनुष्य की इच्छा और अप्रेक्षा – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 23वां दिन। इंसान के जन्म लेने के साथ ही उसके कुछ अपने लोग उससे अप्रेक्षा रखना

चौबीसवां दिन : इंसान की वास्तविक पहचान आत्मिक स्वभाव से – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 24वां दिन। इंसान की वास्तविक पहचान उसके आत्मिक स्वभाव से होती है। आत्मिक स्वभाव मिलने पर

पच्चीसवां दिन : पाश्चात्य संस्कृति ने बर्बाद की हमारी संस्कृति और संस्कार – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 25 वां दिन। यह बात सास्वत सत्य है कि स्वार्थ के साथ किया धर्म कभी पुण्य

छब्बीसवां दिन : चैलेंज से सफलता में आत्मिक सुख नहीं – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 26वां दिन। किसी ने चैलेंज किया कि तुम यह नहीं कर सकते हो। उस समय आप