- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 01
तीन भुवन में सार, वीतराग विज्ञानता । शिवस्वरूप शिवकार, नमहुँ त्रियोग सम्हारिकैं॥
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 02
पहली ढाल ग्रन्थ रचना का उद्देश्य व जीव की चाह जे त्रिभुवन में जीव अनन्त, सुख चाहैं दु:खतैं भयवन्त । तातैं दु:खहारी सुखकार,
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 03
पहली ढाल संसार भ्रमण का कारण ताहि सुनो भवि मन थिर आन, जो चाहो अपनो कल्याण। मोह-महामद पियो अनादि, भूल आपको भरमत वादि॥3।। अर्थ – हे
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 05
छहढाला पहली ढाल ग्रन्थ रचना का उद्देश्य व जीव की चाह निगोद के दु:ख व निगोद से निकलकर प्राप्त पर्यायें एक श्वांस में अठदस बार,
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 04
पहली ढाल कृति की प्रामाणिकता और निगोद के दु:ख तास भ्रमन की है बहु कथा, पै कछु कहूँ कही मुनि यथा। काल अनन्त निगोद मंझार,
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 06
पहली ढाल त्रस पर्याय की दुर्लभता और तिर्यंचगति के दु:ख दुर्लभ लहि ज्यों चिन्तामणि, त्यों पर्याय लही त्रसतणी। लट पिपीलि अलि आदि शरीर, धर धर
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 07
पहली ढाल तिर्यंच गति में असैनी और सैनी के दु:ख कबहूँ पंचेन्द्रिय पशु भयो, मन बिन निपट अज्ञानी थयो। सिंहादिक सैनी ह्वै व्रूर, निबल पशू
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 09
पहली ढाल तिर्यंचगति में दु:खों की अधिकता और नरकगति की प्राप्ति का कारण वध-बन्धन आदि दु:ख घने, कोटि जीभतैं जात न भने। अति संक्लेश-भावतैं मर्यो,
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 10
पहली ढाल नरक की भूमि स्पर्श और नदीजन्य दु:ख तहाँ भूमि परसत दुख इसो, बिच्छू सहस डसें नहिं तिसो। तहाँ राध-शोणित-वाहिनी, कृमि-कुल-कलित-देह दाहिनी।।10।। अर्थ – उस
- 1
- 2