- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 11
पहली ढाल नरक में सेमर वृक्ष, सर्दी और गर्मी के दु:ख सेमर-तरु-जुत दल-असिपत्र-असि ज्यों देह विदारैं तत्र। मेरु समान लोह गलि जाय, ऐसी शीत उष्णता
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 12
पहली ढाल नरक में अन्य नारकियों व असुरकुमारों द्वारा उदीरित और प्यास के दु:ख तिल-तिल करैं देह के खण्ड, असुर भिड़ावैं दुष्ट प्रचण्ड। सिन्धु-नीरतैं प्यास
- August 22, 2025
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 13
पहली ढाल नरक की भूख, आयु और मनुष्यगति प्राप्ति का वर्णन तीन लोक को नाज जु खाय, मिटै न भूख कणा न लहाय। ये दु:ख
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 14
पहली ढाल मनुष्यगति में गर्भवास और प्रसवजन्य दु:ख जननी-उदर बस्यो नव मास, अंग-सकुचतैं पाई त्रास। निकसत जे दु:ख पाये घोर, तिनको कहत न आवै ओर।।14।।
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 15
छहढाला पहली ढाल मनुष्यगति में बाल्यावस्था, जवानी व वृद्धावस्था के दु:ख बालपने में ज्ञान न लह्यो, तरुण समय तरुणी-रत रह्यो। अर्धमृतक सम बूढ़ापनो, कैसे रूप
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 16
छहढाला पहली ढाल देवगति में भवनत्रिक के दु:ख कभी अकाम निर्जरा करै, भवनत्रिक में सुर-तन धरै। विषय-चाह-दावानल दह्यौ, मरत विलाप करत दु:ख सह्यो।।16।। अर्थ – कभी
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 17
छहढाला पहली ढाल देवगति में वैमानिक देवों के दु:ख जो विमानवासी हू थाय, सम्यग्दर्शन बिन दु:ख पाय। तहँ ते चय थावर-तन धरै, यों परिवर्तन पूरे
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शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
छहढाला पहली ढाल छंद 08
छहढाला पहली ढाल पंचेन्द्रिय पशुओं के निर्बलता आदि अन्य दु:ख कबहूँ आप भयो बलहीन, सबलनि करि खायो अतिदीन। छेदन भेदन भूख पियास, भार वहन हिम
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