परिग्रह परिमाण व्रत का करें पालन – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

बच्चों कल भगवान महावीर का निर्वाणोत्सव है। महावीर का सम्पूर्ण उपदेश परिवार, समाज और देश को जोड़ने के लिए था। आज हम उन्हीं उपदेशों में

मंत्र जाप का फल तभी, जब शुद्ध हो मन, वचन, काय – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

बच्चों आप कैसे हो? ठीक हो ना…… आज हम बात करेंगे मंत्र जाप की। जैन धर्म में तीर्थंकरों की दिव्य ध्वनि में अनेक मंत्रो के

धर्म के आधार पर विवाद करो मत बल्कि सुलझाओ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज पाठशाला में चर्चा करेंगे विवादों से दूर कैसे रहें। किसी भी धर्म के किसी भी ग्रंथ में यह नही कहा गया है कि धर्म

आज ही किसी को साधु को गुरू बनाओ, ताकि 2021 अच्छा निकले – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

तुम सब पाठशाला में पढ़ने वाले बच्चे हो, इसलिए तुम सब को पता ही है कि 2021 आने वाला है। तुम्हारे लिए 2021 कैसा रहे

छोटी गलतियां बड़े कष्ट का कारण बनती है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

बच्चों पाठशाला में आज एक सच्ची घटना बता रहा हूं। यह कहानी तुम्हें धार्मिक अनुष्ठानों से जुड़ने की प्रेरणा देगी। इस प्राचीन घटना को पढ़ने

जीवनचर्या सही कर लें तो कोरोना से भी बचेंगे और वैक्सीन से भी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज पाठशाला में बात करेंगे वर्तमान परिस्थितियों की। जब तक कोरोना की वैक्सीन नही थी तब तक वैक्सीन आने का इंतजार कर रहे थे। अब

पहला धर्म है स्वयं को मर्यादित बनाना – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

आज पाठशाला में बात करेंगे कि मनुष्य की पहचान उसके व्यक्तित्व और कृतित्व से होती है। यही हमारे प्राचीन शास्त्रों में लिखा है। आज भी

सम्यकदर्शी होने के लिए जिनबिम्ब दर्शन जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

जिस स्थान पर जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा की स्थापना की जाती है उसे मंदिर या जिनालय कहते हैं। जिनालय में तीर्थंकर भगवान की प्रतिमा इसलिए

सम्यकदर्शी होने के लिए जिनबिम्ब दर्शन जरूरी

जिस स्थान पर जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा की स्थापना की जाती है उसे मंदिर या जिनालय कहते हैं। जिनालय में तीर्थंकर भगवान की प्रतिमा इसलिए

पढ़िए एक आदर्श बेटी की कहानी, जिसने श्रद्धा के बल पर बदल डाला अपना भाग्य

आज पाठशाला में एक आदर्श बेटी की कहानी पढ़े- चम्पापुर के राजा का नाम अरिदमन और रानी का नाम कुन्दप्रभा था। रानी कुन्दप्रभा, कुन्दपुष्प के