जिन मंदिर के दर्शन से मिलता है उपवास का फल – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

कर्मों से रहित अरिहंत भगवान के साक्षात दर्शन तो नहीं होते है पर उनकी पंचकल्याणक सहित प्रतिमा के दर्शन और जिन मंदिर के दर्शन के

मंदिर में क्या करें, क्या न करें – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

बच्चों आप सब कैसे हैं! ठीक हैं ना…? आओ चलें, आज की पाठशाला में इस बात पर चर्चा करते हैं कि मंदिर में कौन से

जिनेन्द्र दर्शन में होता है जीवन सार्थक – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी

एक अच्छा मनुष्य बनने के लिए जिनालय जाने की आवश्यकता है। जिनालय में विराजमान भगवान की प्रतिमा हम सब के मन, वचन, कार्य को पवित्र

भगवान जिनेन्द्र के दर्शन के समय रखें सावधानी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

मुझे यह विश्वास है आपसब इन बातों से अवगत होंगे कि जिनेन्द्र भगवान के दर्शन करत समय किन-किन बातों का घ्यान रखना चाहिए और क्या

ऐसा होता है जिन मंदिर का स्वरूप – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

जहां पर जिनेन्द्र भगवान की प्रतिमा विराजमान होती है उसे मन्दिर कहते हैं। प्राचीन शास्त्रों में मन्दिर को जिनालय, चैत्यालय के नाम से भी जाना

जानिए देवताओं को कैसे पता चलता है तीर्थंकर के जन्म का – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

बच्चों आज हम पाठशाला में बात करेंगे कि भगवान के जन्म के समय स्वर्ग में देवों को यह सूचना कैसे मिलती है कि मध्यलोक में

जानिए समवशरण कौनसे जीव सुनते हैं भगवान का धर्मोदेश – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

तीर्थंकर भगवान जहां बैठकर धर्मोपदेश देते हैं उसे समवशरण कहते हैं। उस समवसरण में 12 कोठे (स्थान) होते हैं जिनमें अलग-अलग जीव बैठकर धर्मोपदेश का

आइए जानें रावण के वंश को – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

आज पाठशाला में बात करेंगे रावण के वंश की। इसका वर्णन पद्मपुराण में आया है। उसी के आधार पर आज की पाठशाला में चर्चा करेंगे।

भगवान आदिनाथ ने दी वर्ण व्यवस्था – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

भगवान आदिनाथ ने सामाजिक व्यवस्था के संचालन के लिए नगर, गांव, मकान आदि बनाने और उन्हें बसाने का उपदेश दिया था, जिससे प्रजा अपना जीवन

चार हजार अक्षौहिणी थी रावण की सेना – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

बच्चों, आज पाठशाला में रावण की सेना के बारे में आपको बताएंगे। पद्मपुराण के पर्व 56 में रावण की सेना का वर्णन आया है। रावण