विद्या और साधना के प्रति समर्पित था रावण – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

बच्चों तुम्हें पता है कि पद्मपुराण में रावण के जीवन को बताने वाले ऐसे प्रसंग आते हैं जो विद्या और साधना के प्रति उसकी लगन

ज्ञानाराधना के आठ दोष – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज

जब आप स्वाध्याय करते हैं तो सावधानी, विवेक रखना आवश्यक है नहीं तो पाप का बन्ध हो जाता है। यशस्तिलक चम्पूगत-उपास्काध्ययन में वर्णन आया है

आज हम पाठशाला में शल्य की बात करेंगे । तो आप शल्य को जानते हैं ।– अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

जो काँटे की तरह अंदर ही चुभता हैं उसे शल्य कहते हैं । मनोविज्ञान की भाषा में मनुष्य की आंतरिक कुंठा और ग्रंथियों को शल्य

चार अनुयोग – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बच्चों आज पाठशाला में जैन धर्म के शास्त्रों को चार भागों में विभाजित किया उनके बारे पढ़ेंगे । तो आओ पढ़ते हैं… प्रथमानुयोग : पुण्य रूप अर्थ

आर्त्तध्यान -अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

पाठशाला में आज बात करेंगे आर्त्तध्यान की । आर्त्त का मतलब है-पीड़ा या दुःख । प्रिय मनुष्य या वस्तु के वियोग और अप्रिय मनुष्य या वस्तु के

अंदर की शक्ति ही हमें ताकत देगी – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बच्चों आज पाठशाला में बात करते है अपने अंदर की शक्ति को बढ़ाने की। बच्चों,  तुम्हें पता है अगर आत्म शक्ति (अंदर की शक्ति) मजबूत

धर्म के समागम से प्राणी समस्त इष्ट वस्तुओं को प्राप्त कर सकता है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

आज पाठशाला में बात करेंगे देशभूषण और कुलभूषण मुनिराज के धर्मोपदेश की। इन दोनांे मुनिराज ने अयोध्या में राम के परिवार आदि को उपदेश दिया

तप-संयम अभीष्ट उपलब्धियों का एकमात्र मार्ग – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

पद्मपुराण पर्व 85-86 में त्रिलोकमण्डल हाथी से सम्बंधित बातें आईं हैं। उसे सुनते हैं- जब राम, लक्ष्मण,भरत आदि देशभूषण-कुलभूषण मुनिराज के दर्शनों को गए थे,

राम ने बनाया अधिपति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बच्चों, पद्मपुराण के पर्व 88 में राम ने अन्य राजाओं को कौन- कौन सा देश राज्य करने के लिए दिया था, उसके बारे में जानते

धार्मिकता का मार्ग – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

बच्चों,आज हम पाठशाला में पद्मपुराण के पर्व 92 में आए एक प्रसंग पर चर्चा करेंगे। सप्तर्षि मुनियों के दर्शन करने जब शत्रुघ्न मधुरा आए, उस