- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
कैसी भी परिस्थिति हो पर अशुभ वचन नहीं बोलें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
मनुष्य को अशुभ वचन और बिना प्रयोजन नही बोलना चाहिए। जो मनुष्य इस प्रकार की प्रवृत्ति रखता है वह संकट में पड़ जाता है और
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
श्रावक को कभी उपकार नहीं भूलना चाहिए – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
पद्मपुराण के पर्व इक्यासी में एक प्रसंग है जो बताता है कि श्रावक को कभी उपकार नही भूलना चाहिए। यह प्रसंग हम सब को अंगीकार
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
गृहस्थ दशा में विवेकपूर्वक जीवन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
श्रावक के जीवन में अनेक तरह की समस्याएं आती हैं। क्यों? उनका घर, परिवार, व्यापार आदि उससे जुड़े होते हैं। इनके बिना श्रावक का संसार
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
शत्रुघ्न ने निर्वाह किया श्रावक धर्म का – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
पद्मपुराण पर्व 89 में लिखा है कि युद्ध से पहले शत्रुघ्न ने श्रावक धर्म का निर्वाह करते हुए जिनेन्द्र भगवान की उपासना की और मां
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
श्रावक को मोह करना ठीक नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
श्रावक (धर्मात्मा पुरुष) को किसी भी कार्य में मोह नहीं करना चाहिए। पद्मपुराण पर्व 91 में शत्रुघ्न को लेकर एक प्रसंग है जो हमें बताता
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
सच्चे गृहस्थधर्म का कर्तव्य – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
सच्चे श्रावक का मन सदैव धर्म में रहता है। शुभकार्य का संकेत मिलने पर वह पहले खुद को जिनेन्द्र भगवान के पूजन, उनकी आराधना में
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
भीतर की बुराई तलाशें – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
जब अशुभ कर्म प्रकट होते हैं तो जीवन में संकट, दुःख आते हैं। पर उन दुःखों के समय श्रावक को क्या विचार करना चाहिए। सीता
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
श्रावक – श्रावक:-‘पाप कर्म के नाश के लिए दया धर्म जरूरी है’- अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
संसार में दुःख के कारण हैं पाप कर्म और मनुष्य अपने अंदर दया धर्म रख कर पाप कर्मों का नाश कर सकता है। दया कहो
- August 22, 2025
Revue critique de Cresus pour joueurs français

- August 22, 2025
शोक संदेश:प्रिय श्री गजराज जी
राम ने निभाया श्रावक धर्म – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
सीता ने जिस प्रकार दान की इच्छा जताई थी, उसी प्रकर दिया गया। लक्ष्मण ने राम से जो वार्ता की, उसका वर्णन पद्मपुराण पर्व 99