सेलिब्रेट कल्चर (संस्कृति उत्सव)

समय के साथ परिस्थितियां बदलती रहती है यह बात एक सत्य है। बदलती परिस्थियों से संस्कारों और संस्कृति पर कोई असर नही पड़ता। बस कार्य

आओ जानें महावीर को…– अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

भगवान महावीर को जन जन जानता है । महावीर एक ऐसे तीर्थंकर हैं जिन्हें जैनेतर समाज भी अच्छे से जानता है। कहने का अर्थ है

कहानी:- ‘सिक्के के दोनों पहलू देखिए’ – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

एक समय की बात है। एक गांव में 6 अंधे व्यक्ति रहते थे। वह बड़ी खुशी के साथ आपस में रहते थे। एक बार उनके

छहढाला चौथी ढाल छंद-2

छहढाला चौथी ढाल सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान में भेद सम्यक् साथै ज्ञान होय, पै भिन्न अराधो। लक्षण श्रद्धा जान, दुहू में भेद अबाधो।। सम्यक् कारण जान,

छहढाला पहली ढाल छंद 04

पहली ढाल कृति की प्रामाणिकता और निगोद के दु:ख तास भ्रमन की है बहु कथा, पै कछु कहूँ कही मुनि यथा। काल अनन्त निगोद मंझार,

सत्य अणुव्रत में प्रसिद्ध धनदेव सेठ की कहानी

अयोध्यानगरी में भवदत्त नाम का सेठ रहता था। उसकी स्त्री का नाम धनदत्ता था और पुत्र का नाम लुब्धदत्त था। एक बार वह लुब्धदत्त व्यापार

लक्ष्मण का वैभव – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

पद्मपुराण पर्व 94 में लक्ष्मण के वैभव का वर्णन आया है। आओ जानते हैं क्या था उनका वैभव… लक्ष्मण सात रत्नों से विभूषित थे। चक्र,

Antarmukhi LIVe : किचन को भोजनशाला बना लोगे तो हर रोग से लड़ जाओगे -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर

भीलूड़ा (राज.) | महावीर जयंती पर आप सबने आराधना की है। हम जीवन में कुछ अच्छा कर जाएं और जीवन में पुण्य का संचय हो यह

मुनि निंदा बनती है जीवन में अनेक दुखों का कारण-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

मुनि निंदा बनती है जीवन में अनेक दुखों का कारण-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज -अशोक नगर स्थित श्रीशांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर(कांच मंदिर) में हुआ अंतर्मुखी