प्रिय श्रीया और भावित
आशीर्वाद और दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की अनंत मंगल कामनाएं।
आप दोनों नव युगल एवं आपके परिजनों के लिए यह बेहद खुशी का मांगलिक अवसर है। इस विवाह के माध्यम से दो परिवार एक होने जा रहे हैं। दोनों ही परिवारों को मेरी बहुत बहुत शुभकामनाएं। प्रिय श्रीया और भावित विवाह मात्र एक समारोह नहीं, बल्कि जन्म जन्मांतर का पवित्र बंधन है, जिसमें बंध कर आपको गृहस्थ आश्रम के नैतिक मूल्यों का पालन करना है।
विवाह दायित्वों का बोध कराता है। यह प्रेम है और संबंधों की ऐसी कड़ी है, जिससे सामाजिक और धार्मिक संस्कारों को और बेहतर तरीके से निभाने का अवसर भी मिलता है। विवाह वात्सल्य का मिलन है,एक दूसरे को समझने का मंच है, धर्म का पवित्र रिश्ता है ,भोगों का नही भावनाओं को समझने का बंधन है । श्रीया और भावित आप दोनों इस बन्धन में बंधने जा रहे हो । आपको आशीर्वाद देने के साथ ही यह आशा और विश्वास करता हूं कि आप दोनों धर्म के अनुसार संस्कृति एवं संस्कार को सुरक्षित रखते हुए अपने दांपत्य जीवन का प्रसन्नता पूर्वक निर्वाह करोगे । देव,गुरु और शास्त्र के साथ ही वैयावृत्ति के लिए सदैव आप अपने घर को खुला रखना । परिवार के संस्कारों को आगे बढ़ाना । एक दूसरे के दर्द और खुशी को हर परिस्थिति में बाटते रहना। दोनों अपने दर्द का एहसास परिवार को मत होने देना पर खुशी में परिवार को सदैव साथ रखना । दोनो माता-पिता को अपने व्यवहार से इतनी खुशी देना, तभी वैवाहिक जीवन की सार्थकता होगी । श्रेया आपके पिता मनोज जी एवं माता अंजू बैद एवं भावित आपके पिता पवन जी और माता अलका कोठारी को भी बहुत शुभकामनाएं देते हुए अपेक्षा करता हूं कि आप दोनों परिवारों के धार्मिक संस्कारों को आगे बढ़ाते हुए उन्हें और प्रगाढ़ करोगे।
एक बार पुनः नव जीवन की शुरुआत के लिए आशीर्वाद और मंगल कामना
अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर
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