Written by: admin August 22, 2025 पहले स्वार्थ से करता था, अब निस्वार्थ करता हूं भक्ति यही प्रथम सीढ़ी है, पहचान की। लेकिन नहीं अपनाया अब तक। Prev Post संस्कार Next Post णमो लोए सव्वसाहूणं परिवार