सोशल मीडिया पर आजकल आप जो पारिवारिक फोटो, सेल्फी आदि पोस्ट करते है वह आगे जाकर कितनी खतरनाक साबित हो सकती है, इसकी कल्पना भी आप नही कर सकते हैं। जो बातें आपके अपने परिवार ,पति-पत्नी को पता होनी चाहिए वह अब सब को पता चल जाती है। सोशल मीडिया की इस आदत से हजारों व्यक्ति और परिवार बर्बाद हुए हैं और हो रहे हैं। आप सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रह कर खुद को आधुनिक भले ही साबित कर लें, लेकिन इसके साथ ही आप अपने चारित्र को भी मलिन कर रहे हैं। पता नही किस जोश में आकर आप सोशल मीडिया पर उन फोटोज को शेयर कर देते है, जिनका कोई औचित्य ही नहीं है। आप अपनी इन आदतों से सोशल मीडिया पर अपराध कर रहे लोगों के जाल में फंस सकते हो। हजारों लोग फंस भी चुके हैं। कुछ समय पहले सोशल मीडिया के जाल पर एक खबर पढ़ी थी। उसे पढ़कर लगा कि कैसे लोग अपनी आदत और लापरवाही के कारण सोशल मीडिया के जाल में आसानी से फंस जाते हैं और शारीरिक, मानसिक रोगों तक के शिकार हो जाते हैं। कुछ लोग तो इसके जाल में ऐसे फंस जाते है कि उनका मन, वचन, शरीर सभी दूषित हो जाते हैं। लाज शर्म सब चली जाती है।
इस के कारण हमारे घर का स्वरूप भी ऐसा हो जाता है जहां पर मन, वचन और शरीर को निर्मल करने के साधन घर के किसी एक कोने में पड़े रह जाते है। हम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए घर में ही जिम, शुद्ध हवा के लिए छत पर गार्डन, मनोरंजन के लिए थिएटर तो बना लेते हैं लेकिन मन को निर्मल करने के लिए भगवान का कमरा या ध्यान कक्षा और चारित्र और भाषा को उज्जवल बनाने के लिए धार्मिक पुस्तकालय भूल जाते हैं। इससे ही समझ जाओ की हमारी मानसिकता कितनी बदल गई है। घर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए विदेशी वस्तुएं लाते हैं। आने जाने वाले हर व्यक्ति को बताते है कि यह इस देश से लाया हूं, यह उस देश से लेकर आया हूं। लेकिन धार्मिक ग्रंथों पर आप एक पैसा भी खर्च करने से बचते हो।
सोशल मीडिया का उपयोग धर्म, समाज और देश की संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए करना चाहीए। तभी आप अपने परिवार और समाज को संस्कारवान बना सकते हो।
अंतर्मुखी के दिल की बात
(इकतीसवां भाग)
2 नवम्बर, 2020, सोमवार, लोहारिया
अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
(शिष्य : आचार्य श्री अनुभव सागर जी)
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