कर्म सिद्धांत

सीता के वन जाने के बाद राम की व्याकुलता – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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कर्म विचित्र हैं। इनकी व्यवस्था भी विचित्र है। कब, क्या अंदर में भाव बदल जाएं, पता ही नहीं चलता? अंदर…

कर्मों में सुधार से उद्धार सम्भव – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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कर्म बड़े विचित होते हैं। देखो, जिस त्रिलोकमण्डल हाथी को राम और लक्ष्मण अयोध्या में वश में कर सके, वह  राजा  भरत…

कर्म गति ने तो सीता पर भी लगा दिए लांछन – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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पद्मपुराण के पर्व तिरासी में राम, सीता और लक्ष्मण के अयोध्या में प्रवेश के बात सीता पर लांछन का वर्णन…

गलती को स्वीकार करने वाला महान बन जाता है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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कोरोना महामारी के चलते कोरोना में उपयोग आने वाली दवाईओ की कालाबाजारी हो रही है। यहां तक कि कोरोना में…

कर्म सिद्धांत की पालना जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

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रावण के दाह संस्कार के बाद विभीषण में अपने कुल के बड़े बुजुर्ग सुमाली, माल्यवान तथा रत्नश्रवा आदि परिवार के…
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