तीन लोकों में कहीं भी सुख नहीं – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज25 Jun 2021label_importantअंतर्भावपापकर्म के प्रकट होने से सीता वन में रो रही थीं और उसी समय पुण्य के उदय से वहां वज्रजंघ…
चिंतन में सामाजिक पालना – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज18 Jun 2021label_importantअंतर्भावपद्मपुराण पर्व 96 में राम के मन में उत्पन्न हुए विचारों का प्रसंग आया है। आओ जानते हैं क्या है…
धर्मात्मा की सेवा में बड़ा पुण्य – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज11 Jun 2021label_importantअंतर्भावअंतरात्मा में यही सोचना चाहिए कि मुनियों की सेवा, दर्शन और आहार दान आदि कब दे पाऊंगा। संसार में धर्म…
भरत का चिन्तन सभी के लिए चिन्तनयोग्य – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज4 Jun 2021label_importantअंतर्भावपद्मपुराण पर्व 85- 86 का प्रसंग है। भरत ने पूर्व भव का वर्णन सुनकर दीक्षा ले ली। उस समय जो…
आत्मचिंतन से ही दुःख होंगे दूर – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज28 May 2021label_importantअंतर्भावजीवन में दुख की अनुभूति तभी कम होती है जब व्यक्ति आत्मचिंतन करता है। पद्मपुराण पर्व 83 में भरत और राम की…
जब तक संसार है तब तक विषयों से यह प्राणी तृप्त नहीं होता है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज21 May 2021label_importantअंतर्भावपद्मपुराण पर्व तिरासी में वैराग्य भाव को दृढ़ करने वाला चिंतन भरत ने किया है, आइए उस चिंतन को पढ़ते…
दया, धर्म को ना छोडे़ं, उसी से बढ़ेगी आत्मशक्ति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज14 May 2021label_importantअंतर्भावपद्मपुराण के पर्व अस्सी में लिखा धर्म उपदेश कोरोना काल में आत्मचिंतन के लिए बहुत उपयोगी है। तो आओ देखते…
विज्ञान और धर्म मिलकर ही कोरोना को दूर कर सकते हैं -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज7 May 2021label_importantअंतर्भावआत्म चिंतन का समय है। एक दूसरे की गलती देखने का समय नहीं है। हम इंसान है और गलतियां होना…
धर्म के अनुसार चलने की प्रतिज्ञा लें – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज16 Apr 2021label_importantअंतर्भावपद्म पुराण के पर्व 77 में एक प्रसंग है जिसमें रावण के मरण के बाद विभीषण को दुःख हुआ तो…
अपना समय पुण्य करने और पाप का नाश करने में लगाइए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज9 Apr 2021label_importantअंतर्भावपद्मपुराण के पर्व 74 में एक प्रसंग आता है। यह प्रसंग बहुरूपिणी विद्या सिद्ध होने के बाद जब रावण युद्ध…