अंतर्भाव

जब तक संसार है तब तक विषयों से यह प्राणी तृप्त नहीं होता है – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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पद्मपुराण पर्व तिरासी में वैराग्य भाव को दृढ़ करने वाला चिंतन भरत ने किया है, आइए  उस चिंतन को पढ़ते…

दया, धर्म को ना छोडे़ं, उसी से बढ़ेगी आत्मशक्ति – अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज

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पद्मपुराण के पर्व अस्सी में लिखा धर्म उपदेश कोरोना काल में आत्मचिंतन के लिए बहुत उपयोगी है। तो आओ देखते…
apna samay punya karne or paap ka naash karne me lagaaiye

अपना समय पुण्य करने और पाप का नाश करने में लगाइए – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज

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पद्मपुराण के पर्व 74 में एक प्रसंग आता है। यह प्रसंग बहुरूपिणी विद्या सिद्ध होने के बाद जब रावण युद्ध…
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