व्रतों से आत्मा परमात्मा बनती है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज22 Jan 2021label_importantअंतर्भावपाप कर्म के उदय से संसारी आत्म यह सोचती है कि वर्तमान काल में मोक्ष तो होना नहीं, फिर व्रत…
मेरी आत्मा ही परमात्मा है – अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर15 Jan 2021label_importantअंतर्भावसंसारी भव्य आत्मा अर्थात सकारात्मक सोच वाली आत्म अपनी आत्म-साधना से स्वयं की आत्मा को परमात्मा बना लेती है। आत्मा…
चरवाहे ने ऐसे समझाया राजा को भगवान का काम – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज8 Jan 2021label_importantअंतर्भावएक राजा था। उसने अपने मन्त्री को बुलाकर कहा कि हम सब के पास करने के लिए कुछ न कुछ…
भय की छाया में नए वर्ष में प्रवेश ना करें – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज1 Jan 2021label_importantअंतर्भाव धर्मानुरागी बंधुओं…अंग्रेजी नव वर्ष 2021 आज से आरम्भ हो गया है। हमारे जीवन में जब कोई नई चीज आती…
मूलाचार ग्रंथ की ये गाथाएं आपके भावों को बनाएंगी निर्मल – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज25 Dec 2020label_importantअंतर्भावधर्मानुरागी बंधुओं….आज हम आचार्य वट्टकेर द्वारा रचित मूलाचार ग्रन्थ की कुछ गाथाओं के बारे में बात करेंगे। उन्होनें इन गाथाओं…
अपनी गलतियों और कमियों को स्वीकार करना सीखो – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज18 Dec 2020label_importantअंतर्भावमैंने प्रमाद से बहुत दोष किए हैं…. मैं रागी हूं….मैं द्वेषी हूं….मैं दुष्ट हूं…..मैं अशब्द बोलने वाला हूं….मैं पापी हूं….मैं…
आत्मचिन्तन से पहले पापों की आलोचना जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज11 Dec 2020label_importantअंतर्भावकिसी छोटे बच्चे से कुछ भी पूछो तो वह सत्य ही बोलता है। बच्चे को नही पता कि उसे क्या…
हृदय में जिनेन्द्र भगवान हों तो कर्म मल शिथिल पड़ जाते हैं – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज4 Dec 2020label_importantअंतर्भावहींग की डिब्बी में हलवा भर दिया जाए तो हलवे का स्वाद और खुशबू दोनों ही हींग जैसी हो जाएंगे।…
शाश्वत सुख की प्राप्ति के लिए आत्मा और शरीर का अलग होना जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज27 Nov 2020label_importantअंतर्भाव हम धर्मगुरुओं से सुनते और शास्त्रों में पढ़ते आ रहे है कि शरीर और आत्मा अलग-अलग हैं। अशुभ कर्मो…
ये चार भाव देंगे मानसिक और आत्मिक शांति – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज20 Nov 2020label_importantअंतर्भाव मनुष्य आत्मिक शांति चाहता है। इसके लिए मन का शान्त होना अत्यंत आवश्यक है। मन की शांति के लिए…