22 Jan By admin 0 Comment In अंतर्भाव व्रतों से आत्मा परमात्मा बनती है – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज
08 Jan By admin 0 Comment In अंतर्भाव चरवाहे ने ऐसे समझाया राजा को भगवान का काम – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्यसागर जी महाराज
01 Jan By admin 0 Comment In अंतर्भाव भय की छाया में नए वर्ष में प्रवेश ना करें – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
25 Dec By admin 0 Comment In अंतर्भाव अंतर्भाव मूलाचार ग्रंथ की ये गाथाएं आपके भावों को बनाएंगी निर्मल – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
18 Dec By admin 0 Comment In अंतर्भाव अंतर्भाव अपनी गलतियों और कमियों को स्वीकार करना सीखो – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
11 Dec By admin 0 Comment In अंतर्भाव अंतर्भाव आत्मचिन्तन से पहले पापों की आलोचना जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
04 Dec By admin 0 Comment In अंतर्भाव अंतर्भाव हृदय में जिनेन्द्र भगवान हों तो कर्म मल शिथिल पड़ जाते हैं – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
27 Nov By admin 0 Comment In अंतर्भाव शाश्वत सुख की प्राप्ति के लिए आत्मा और शरीर का अलग होना जरूरी – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज
20 Nov By admin 0 Comment In अंतर्भाव ये चार भाव देंगे मानसिक और आत्मिक शांति – अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज