बच्चों आज पाठशाला में बात करते है अपने अंदर की शक्ति को बढ़ाने की। बच्चों, तुम्हें पता है अगर आत्म शक्ति (अंदर की शक्ति) मजबूत हो तो हम हर दुःख, संकट से शांति से लड़ सकते हैं। अंदर की शक्ति बढ़ाने के लिए हमें महापुरुषों के जीवन चरित्र को पढ़ने की आवश्यकता है। जो धन आदि के अभाव में भी अपने आप को उंचाईयो तक ले गया, उसका जीवन परिचय पढ़ने की आवश्यकता है। अपने से कमजोर नहीं, अपने से शक्तिशाली को देखकर, अपने आप को सब से छोटा व्यक्ति मानकर सदैव आगे बढ़ने का संकल्प करते रहना चाहिए। सफलता के बजाए असफलता के कारणों को ध्यान में रखकर कार्य करना चाहिए। अंदर सदैव ईश्वर के प्रति श्रद्धा, विश्वास रख कर कार्य करना चाहिए। कोई भी कार्य धन कमाने की इच्छा से नहीं बल्कि परिवार चलाने की इच्छा से करना चाहिए। इसके अलावा जो कार्य करें वह सकारात्मक सोच के साथ होना चाहिए। इतना सब होने पर ही अंदर की शक्ति अर्थात आत्मशक्ति बढ़ती है। बिना आत्मशक्ति के कोई भी ताकत हमें सफल मनुष्य नही बना सकता है और ना ही सुख, शांति और समृद्धि दे सकती है।
तो बच्चों संकल्प करो कि आज से अंदर की शक्ति को बढ़ाने का काम करेंगे। कोरोना काल में दवाई और प्रार्थना के साथ आत्मशक्ति का होना कितना जरूरी है यह आप को पता चल ही गया होगा। तो फिर अब अंदर की शक्ति को बढ़ाने की और अपने कदम आगे बढ़ाओ।
अनंत सागर
पाठशाला (पचपनवां भाग )
15 मई , 2021, शनिवार
भीलूड़ा (राज.
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