प्रेरणा शाह जी
आपको जन्मदिन के शुभ अवसर पर आशीर्वाद एवं अनंत शुभकामनाएं।
हर व्यक्ति के जीवन में उसके जन्म दिवस का अवसर महत्वपूर्ण होता है। यह दिन उसके लिए केवल उत्सव या खुशी का क्षण नहीं होता अपितु यह अवसर है चिंतन का मनन का। अपने ध्येय को जानने का और उस दिशा में बढ़ने का संकल्प लेने का।
इस धरा पर हर क्षण मानव का जन्म होता है, लेकिन सभी अपने आप को धर्म से जोड़कर जन्म को सफल नहीं कर पाते हैं। मानव जन्म को श्रावक धर्म या मुनि धर्म का पालन करते हुए सफल किया जा सकता है।
यह प्रसन्नता की बात है कि आपने अपने जीवन मे श्रावक धर्म के 6 आवश्यक कर्तव्य देव पूजा, गुरु उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप, दान(त्याग) का पालन कर अपने मनुष्य जन्म को उचित पथ पर अग्रसर किया है ।
जिनेन्द्र भगवान की भक्ति, मुनि की सेवा और जिनवाणी का स्वाध्याय और प्रचार प्रसार में अपना योगदान देकर आपने अन्य श्रावकों के लिए उदाहरण पेश किया है।
पूर्व जन्म के पुण्य से आप को जो धन-संपदा मिली है, उसका सदुपयोग धर्म कार्यों में करके आपने सम्यक्त्व का पालन किया है। प्रभु से प्रार्थना करता हूं कि आप इसी तरह धर्म और पुण्य कार्यों में लगकर अपने जीवन को सार्थक बनाएं। आप अपने हाथों से जिनालय की नींव रखकर हजारों श्रावको के पुण्य का कारण बनें और स्वयं के जीवन में भी अधिकाधिक पुण्य का संचय करें।
आप की जैन धर्म के प्रति आस्था और श्रद्धा से लगता है कि आप गृहस्थ रहकर भी साधु धर्म का पालन कर रही हो। आप के इन पुण्य कर्मों से आप को सुख,शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो और अशुभ कर्मों का नाश हो। आप की सहजता, सरलता एवं विनय गुण से जैसे आप ने समाज और सार्वजनिक कार्य में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाई है, वह निरंतर बढ़ती रहे । यह भी बड़ा पुण्य है कि आप के धार्मिक कार्यों और अनुष्ठान में पति नरेन्द्र जी, बेटा शिरीष, बहू शुचि कदम से कदम मिलाकर साथ चल रहे हैं। आशा करता हूं कि देव, शास्त्र और गुरु के प्रति आपका यह अटूट विश्वास और श्रद्धा यूंही बनी रहेगी।
आपको पुनः जन्मदिन की ढेरों मगलकामनाएं और आशीर्वाद ।
अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
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