मां पद्मवाती की मूर्ति का भव्य श्रंगार भीलूड़ा। अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज के सान्निध्य में शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में नवरात्रि के अवसर पर नौ दिन तक
पंचामृत अभिषेक से भाव निर्मल होते है, अभिषेक करने से जल आदि द्रव्य गंधोदक बन जाता है भीलूड़ा / डूंगरपुर। जिले के भीलूड़ा गांव के शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर
दूसरे सत्याणुव्रत में प्रसिद्ध धनदेव सेठ की कथा इस प्रकार हैं। जम्बूद्वीप के पूर्व विदेह क्षेत्र सम्बन्धी पुष्कलावती देश में एक पुण्डरीकिणी नामक नगरी है। उसमें जिनदेव और धनदेव नाम
झुमरी तिलैया(कोडरमा)। जैन धर्म का दशलक्षण पर्युषण महापर्व 31 अगस्त, बुधवार से जैन संत वाक केसरी
प्रतापगढ। 12 वर्ष से प्रतिवर्ष 48 दिन की मौन साधना कर रहे अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर जी महाराज की इस वर्ष की मौन साधना मंगलवार 20 सितम्बर को