छहढाला चौथी ढाल सम्यग्ज्ञान के दोष व मनुष्य भव की दुर्लभता तातैं जिनवर कथित तत्त्व, अभ्यास करीजै। संशय विभ्रम मोह त्याग, आपो लख लीजै।। यह मानुष-पर्याय, सुकुल, सुनिवो जिनवानी। इह
छहढाला चौथी ढाल सम्यग्दर्शन और सम्यग्ज्ञान में भेद सम्यक् साथै ज्ञान होय, पै भिन्न अराधो। लक्षण श्रद्धा जान, दुहू में भेद अबाधो।। सम्यक् कारण जान, ज्ञान कारज है सोई। युगपत्
भीलूड़ा (राज.) | महावीर जयंती पर आप सबने आराधना की है। हम जीवन में कुछ अच्छा कर जाएं और जीवन में पुण्य का संचय हो यह बहुत जरूरी है। महामारी
मुनि पूज्य सागर की डायरी से मौन साधना का 33वां दिन। इंसान का मन पापमल से इतना दूषित होता जा रहा है कि धर्म प्रभावन के निमित्त से अनेक प्रकार
मुनि की सेवा का फल बिना मांगे ही मिलता है। पद्मपुराण के पर्व 61 में राम के जीवन एक प्रसंग है जो मुनिसेवा के फल को बताता है। प्रसंग इस