प्रिय श्री भरत जी कला
75 वें जन्मदिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं और आशीर्वाद
बड़े ही गौरव का विषय है कि जैन कुल में आप जैसे व्यक्तित्व का जन्म हुआ। आपने ना केवल अपने परिवार, शहर और कुल का मान बढ़ाया है, बल्कि जैन समाज का सिर गर्व से ऊंचा किया है।
आपने अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से न केवल धन अर्जित किया है, बल्कि ज्ञान, मान, प्रतिष्ठा भी हासिल की है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सब कुछ होने के बावजूद त्याग का जो भाव आपके अंदर है, वह एक श्रेष्ठ श्रावक के रूप में आपको स्थापित करता है। सर्व संपन्नता के होने पर भी आपके अंदर अहंकार का लेशमात्र अंश नही है, ऐसे नैतिक जीवन मूल्यों को जीना बिरले व्यक्ति की पहचान है। आपके व्यक्तित्व और कृतित्व के बारे में लिखना सहज नहीं, क्योंकि आपका हर कार्य धर्म सम्मत होता है।
आपसे पहली बार परिचय 2006 में चारुकीर्ति भट्टारक स्वामी जी ने करवाया। उस समय मैं ब्रहमचारी था। आप आर्ष परंपरा की रक्षा के लिए सदैव चिंतित रहते हैं। मुझे स्मरण है कि 2006 के भगवान बाहुबली के महामस्तकाभिषेक के समय “महामस्तकाभिषेक’ नाम का एक मासिक पत्रिका निकाली गई आप उसके मुख्य संपादक थे। उस दौरान आपके पांव में फैक्चर हो गया था, उसके बाद भी आप मुम्बई से श्रवणबेलगोला आकर उस पत्रिका का संपादन करते थे। यह आपकी सहजता और सरलता का साक्षात प्रमाण है ।
देव, शास्त्र और गुरु के प्रति आपकी अपार श्रद्धा है। स्वाध्याय में गहन रुचि के साथ ही आर्ष परम्परा की सुरक्षा के लिए आप सदैव लिखते रहते हैं। आप वर्तमान में 120 वर्ष प्राचीन दिगम्बर जैन महासभा के मुख्य समाचार पत्र जैन गजट के प्रधान संपादक है। आपने साधुओं की सुरक्षा और संस्कृति के संरक्षण के लिए जो काम किया, वह सदैव अविस्मरणीय रहेगा।
आप 4 जुलाई, 2022 को 75 वर्ष के होने जा रहे हैं, इस पावन अवसर पर आप को बहुत आशीर्वाद। ईश्वर से यही कामना करते हैं कि आप हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहें और दीर्घायु हों। समाज सेवा और आत्मकल्याण की भावना के साथ आप यूहीं आगे बढ़ते रहें। इन्हीं मंगलकामनाओं के साथ पुनः आशीर्वाद ।
आप के बेटे निखिलेश,सिद्धार्थ और धर्मपत्नी शैलबाला जी को भी शुभकामना और मंगल आशीर्वाद।
अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज
Give a Reply