03
Jan
-अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज का हुआ अशोक नगर,उदयपुर में केशलोचन
उदयपुर। अशोक नगर स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में अन्तर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज का केशलोचन शुक्रवार,3 जनवरी 2020 को हुआ। मुनि श्री में सुबह 4:30 बजे कमरे में केशलोचन प्रारम्भ किए । केशलोचन जैन संत की चर्या में एक आवश्यक कर्तव्य है, जिसमें जैन संत के सिर, दाढ़ी और मूंछ के बाल हाथों से खास तरह से उखाड़े जाते हैं। जैन संत के लिए अधिक से अधिक चार माह में एक बार और कम से कम 2 महीने में एक बार केशलोचन करना आवश्यक है। केशलोचन से साधु में सुंदरता का मोह खत्म हो जाता है और आत्मा की सुंदरता बढ़ जाती है। इससे संयम का पालन भी होता है। बालों को हाथों से उखाड़कर जैन संत इस बात को साबित करते हैं कि यह धर्म कहने का नहीं बल्कि सहने का धर्म है। केशलोचन शरीर को कष्ट देना नहीं है, बल्कि यह तो उत्कृष्ट साधना का शक्ति परीक्षण है। केशलोचन करते समय बाल हाथ ना फिसल जाएं, इसके लिए कंडे की राख का प्रयोग किया जाता है। खास बात यह भी है कि जिस दिन केशलोचन होता है, उस दिन जैन मुनि अन्न और जल भी ग्रहण नहीं करते।
Please follow and like us:
Give a Reply