दिगम्बर जैन समाज, भीलूड़ा आशीर्वाद सौभाग्यशाली हैं आप सब कि आपका निवास स्थान ऐसी पुण्य धरा पर है, जहां मूलनायक भगवान शांतिनाथ का अतिप्राचीन मंदिर है। यह हमारे पुण्य का
शोक संदेश प्रिय श्री हेमन्त जी आपके पिताजी श्री विजेन्द्र जी सेठ के देवलोकगमन का समाचार सुनकर दुःख हुआ। संसार में जिसका जन्म हुआ है, उसका जाना भी निश्चित है,
जन्म कल्याणक पर विशेष: भगवान महावीर ने लोक कल्याण का मार्ग अपनाकर विश्व को शांति का संदेश दिया भगवान महावीर ने प्राणीमात्र को संयमित और अपनी चर्या में रहने का
प्रस्तुति -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज अन्य नाम- वर्द्धमान, वीर, अतिवीर, महावीर, सन्मति तीर्थकर क्रम -चतुर्विंशतम जन्मस्थान -क्षत्रिय कुण्डग्राम, वैशाली पिता नाम-सिद्धार्थ मातानाम -त्रिशला देवी (प्रियकारिणी) वंशनाम-नाथवंश गर्भावतरण -आषाढ़ शुक्ल
भगवान महावीर ने प्राणीमात्र को संयमित जीवन जीने और राग-द्वेषात्मक प्रवृत्ति से दूर रहने का उपदेश दिया है। महावीर जानते थे कि आने वाला समय दुःखों से भरा हुआ होगा।