प्रस्तुति -अंतर्मुखी मुनि पूज्य सागर महाराज
अन्य नाम- वर्द्धमान, वीर, अतिवीर, महावीर, सन्मति
तीर्थकर क्रम -चतुर्विंशतम
जन्मस्थान -क्षत्रिय कुण्डग्राम, वैशाली
पिता नाम-सिद्धार्थ
मातानाम -त्रिशला देवी (प्रियकारिणी)
वंशनाम-नाथवंश
गर्भावतरण -आषाढ़ शुक्ल षष्ठी
जन्म तिथि -चैत्र शुक्ल त्रयोदशी,
वर्ण (कान्ति) -स्वर्णाभ
चिह-सिंह
गृहस्थ-काल-अविवाहित
कुमारकाल -28 वर्ष, 5 माह, 15 दिन
दीक्षा तिथि-मार्गशीर्ष कृष्ण 10 , सोमवार, 26 सितम्बर, 566 ई.पू.
तप-12 वर्ष, 5 मास, 15 दिन
कैवल्य -वैशाख शुक्ल 10 , रविवार, 26 अप्रैल, 556 ई.पू.
देशना पूर्व मौन -66 दिन
देशना-तिथि (प्रथम)-श्रावण कृष्ण प्रतिपदा, शनिवार, 1 जुलाई, 556 ई.पू.
निर्वाण-तिथि -कार्तिक कृष्ण अमावस्या,
मंगलवार, 15 अक्टूबर, 527 ई
निर्वाण-भूमि-पावापुरी
आयु -72 वर्ष (71-4-25)
जन्म-समय -नक्षत्र : उत्तरा फाल्गुनी
ज्योतिर्ग्रह-स्थिति राशि : कन्या
महादशा -बृहस्पति
दशा -शनि
अन्तर्दशा- बुध
पूर्व भव :पुरुखा भील/सौधर्म देव/ मरीचि/ब्रह्मस्वर्ग का देव/जटिल ब्राह्मण/सौधर्म स्वर्ग का देव/पुष्यमित्र ब्राह्मण/अग्निसह ब्राह्मण/सनत्कुमार स्वर्ग का देव/ अग्निमित्र ब्राह्मण/भारद्वाज ब्राह्मण/माहेन्द्र स्वर्ग का देव (त्रसस्थावर योनियों में असंख्य वर्षों तक परिभ्रमण)/स्थावर ब्राह्मण/विश्वनन्दि/महाशुक्र स्वर्ग का देव/त्रिपुष्ठनारायण/सातवें नरक का नारकी/सिंह/प्रथम नरक का नारकी/सिंह/प्रथम स्वर्ग का देव/कनकोज्ज्वल राजा जलांतक स्वर्ग का देव/ हरिषेण राजा/महाशुक्र स्वर्ग का देव/प्रियमित्र चक्रवर्ती/सहस्त्रार स्वर्ग का देव/नंद राजा/अच्युत स्वर्ग का देव/
गणधर: भगवान महावीर भगवान महावीर के ११ गणधर हैं। इन्द्रभूति (गौतम)/अग्निभूति/वायुभूति/व्यक्त/धर्मा/मण्डित/मौर्य पुत्र/अर्पित/अचल भ्राता/ मेनार्य/प्रभात
केवली -700
मनः पर्याय ज्ञान -700
अवधिज्ञानी -1300
चौदह पूर्वधारी-300
वादी -400
वैक्रियकलब्धिधारी-700
अनुत्तरोपपातिक मुनि :-800
साधु -14000
साध्वियां-36000
श्रावक- 159000
श्राविकाएं –318000
ऊंचाई -7 हाथ
वैराग्य का कारण -जाति स्मरण
दीक्षा पालकी-चन्द्रप्रभा
दीक्षा वृक्ष-शाल
प्रथम आहार नगरी-कुलग्राम(कुंडलपुर)
प्रथम आहार दाना-राजाकूल
आहार किसका लिया -गौ क्षीर(दूध) से बने पकवान
छदमस्तकाल -12 वर्ष
केवल ज्ञान का स्थान-ऋजुकलातीर(षगढ़ वन)
केवल ज्ञान का वृक्ष-शाल
समवशरण भूमि -योजन
मुख्य गणधर -इन्द्रभूमि
मुख्य श्रोता -श्रेणिक
केवली काल -30 वर्ष
मोक्ष आसन -खड़गासन
रुद्र -सात्यकि
यक्ष -गुह्नक
यक्षिणी-सिद्धायिनी
विशेष पद- बाल ब्रह्मचारी
प्रमुख उपदेश- जीओ और जीने दो
अहिंसा परमो धर्म:
,
Give a Reply