तप के प्रभाव से रोग, शोक आदि अनेक प्रकार के संकट दूर हो जाते हैं। पद्मपुराण पर्व 92 में आता है कि मुनियों के प्रभाव से मधुरा नगरी भी रोग,
अंतर्मुखी मुनि श्री पूज्य सागर महाराज का 7 वां मुनि दीक्षा दिवस पर आप सब के लिए उनके जीवन से संबंधित फोटो। नाम: चक्रेश पिता: सोमचन्द्र जैन माता: विमला
भीलूड़ा जैन मंदिर में मनाया शांतिनाथ भगवान का जन्म, तप व माेक्ष कल्याणक भीलूड़ा/ डूंगरपुर। भीलूड़ा दिगंबर जैन मंदिर में काेविड गाइड लाइन का पालन करते हुए बुधवार काे
कर्म विचित्र हैं। इनकी व्यवस्था भी विचित्र है। कब, क्या अंदर में भाव बदल जाएं, पता ही नहीं चलता? अंदर क्या चल रहा है, बाहर क्या चल रहा है, कुछ
प्यारे बच्चों, आओ…आज मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं। यह कहानी है विश्वास की जीत की है। यह कहानी है गुल्लिका (gullika)अज्जि की। तुम जानते हो इनके बारे में? नहीं